वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और निर्माण कार्य तय समय पर पूरा कराने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार होगा। इससे शहर के 90 वार्डों में होने वाले विकास कार्यों पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा सॉफ्टवेयर में अब अनावश्यक विकास कार्य स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इस तरह फाइलों में बाबुओं की दखलअंदाजी भी खत्म हो जाएगी.
नगर निगम में जलकल, निर्माण, स्वास्थ्य, उद्यान और प्रकाश आदि विभाग हैं। यह विभाग वार्डों में विकास कार्य कराते हैं। टेंडर छोडऩे से पहले प्रस्ताव तैयार होता है। कई बार ऐसे प्रस्ताव पास करा लिए जाते हैं, जिनकी जरूरत नहीं होती। उदाहरण के तौर पर किसी वार्ड में यदि सड़क पहले से ही है तो उसे फिर बनवाने का प्रस्ताव तैयार कर टेंडर छोड़ दिया जाता है। इस तरह ठेकेदार का भुगतान कराने के नाम पर खेल चलता है। अधिकारी मौके पर जाए बिना ही निर्माण कार्य पूरा होने की रिपोर्ट लगा देते हैं। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच तक नहीं होती.
लापरवाही का फायदा उठाते हैैं ठेकेदार
अधिकारियों की लापरवाही का ठेकेदार फायदा उठाकर घटिया निर्माण सामग्री लगा देते हैं। ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाते हैं। इसके अलावा वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद भी ठेकेदार निर्माण कार्य नहीं करते। जिस कार्य को पूरा करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है वह समय पर पूरा नहीं हो पाता। इससे योजनाओं का लोग समय पर लाभ नहीं उठा पाते, लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने से गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी.
अब इस तरह काम होगा
किसी भी विकास कार्य शुरू होने से पहले उसका प्रस्ताव सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा। संबंधित विभाग के अधिकारी ने प्रस्ताव किस आधार पर अपलोड किया, इसकी जानकारी देनी होगी। अनावश्यक प्रस्ताव स्वीकार नहीं होगा। प्रस्ताव मंजूरी के बाद टेंडर में गए या नहीं, इसकी जानकारी रहेगी। फाइनल टेंडर के बारे में पता रहेगा। विकास कार्य शुरू कराने के लिए वर्क ऑर्डर कब जारी हुए। इस बारे में विभाग के अध्यक्ष को पता रहेगा। हर वर्क ऑर्डर पर अब बार कोड रहेगा। इससे यह फायदा होगा कि किस ठेकेदार के पास कौन सा कार्य है। उस विकास कार्य की स्थिति के बारे में तुरंत पता चल जाएगा। किस ठेकेदार के पास कितना काम है यह जानकारी भी रहेगी.
ऑनलाइन मानिटरिंग व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी। वार्डों में कोई भी विकास कार्य शुरू होने से पहले उसका प्रस्ताव सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा। संबंधित विभाग के अधिकारी की ओर से प्रस्ताव किस आधार पर अपलोड किया, इसकी जानकारी देनी होगी। अनावश्यक प्रस्ताव स्वीकार नहीं होगा।
-प्रणय सिंह, नगर आयुक्त