-रास्ते के विवाद में पिता-पुत्र पर चला दी थी गोली

-चिरईगांव में रास्ते के विवाद का मामला

पिता और पुत्र को गोली मारने वाला हमलावर चौबेपुर पुलिस को चकमा देकर मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंच गया। इस बात की भनक अधिवक्ताओं को लग गई और अधिवक्ताओं ने उसके मंसूबों पर पानी फेरते हुए दबोच लिया। पहले तो अधिवक्ताओं ने उसकी धुनाई की, बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के चिरईगांव में रास्ते के विवाद को लेकर 23 जनवरी को पवन और उनके पिता सुरेंद्र पर दीपक मिश्रा ने फायर कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने सुरेंद्र पाण्डेय की बहू रेखा पाण्डेय की तहरीर पर दीपक मिश्रा समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस घटना को अंजाम देने के बाद से ही दीपक फरार चल रहा था। कहने के लिए पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर मंगलवार को कोर्ट में आत्मसर्मपण करने पहुंच गया।

इधर, न्यायालय में हाजिर होने की भनक वहां के अधिवक्ताओं को पहले से ही लग गई और उन्होंने अभियुक्त को हाजिर न होने की रणनीति बनाई। मंगलवार को जैसे ही वह कोर्ट पहुंचा अधिवक्ताओं ने उसे धर दबोचा और उसकी पिटाई करने लगे। इसके बाद अधिवक्ताओं ने एसएसपी कार्यालय पर जाकर उक्त अभियुक्त को पुलिस के हाथों सौंप दिया।

18 दिन तक दीपक ने पुलिस छकाया

23 जनवरी को दीपक ने घटना को अंजाम दिया और फरार हो गया। इधर, पुलिस उसकी तलाश में दिन रात जुटी हुई थी, लेकिन वह किसी के हाथ नहीं लगा। इससे पुलिस की तत्परता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। हािलांकि 18 दिन तक पुलिस को छकाने के बाद वह मंगलवार यानी 9 फरवरी को न्यायालय में सरेंडर करने पहुंच गया। मजे की बात तो यह है कि उस समय तक पुलिस को भनक नहीं लग सकी थी। लेकिन अधिवक्ताओं ने दीपक के बने बनाए खेल को बिगाड़ दिया।