वाराणसी (ब्यूरो)कंदुक प्रक्षेपक: कंदुकं प्रक्षिपति, तदा फलक ताडकत्वेन तीव्र गत्या प्रहरति, तदा कंदुकं आकाश मार्गेन सीमा रेखात: बहिर्गतम्, षड्धावनांका: लब्धा: (बालर ने बाल फेंका, बल्लेबाज ने हिट किया, बाल आकाश मार्ग से होती हुई बाउंड्री के बाहर चली गई, छह रन प्राप्त हुए)। देववाणी संस्कृत में इस कमेंट्री की आवाज आ रही थी रामापुरा में जयनारायण इंटर कालेज के मैदान सेलोगों ने वहां पहुंचकर देखा तो अद्भुत दृश्य थाधोती-कुर्ता, शिखा-तिलकधारी बटुक चौके-छक्के जड़े जा रहे थे, बालर विकेट चटखा रहे थे, तालियां गडग़ड़ा रही थींखिलाडिय़ों से लगायत अंपायर और कमेंटेटर तक सभी धोती-कुर्ता धारी ही थे.

संस्कृत बटुक क्रिकेट मैच

दरअसल दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 80वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को संस्कृत बटुक क्रिकेट मैच का आयोजन थाआरंभ में संस्कृत में वेदपाठ करते, मंत्र बोलते बटुक खिलाड़ी मैदान में प्रवेश किएमुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक डानीलकंठ तिवारी ने उनसे संस्कृत में परिचय प्राप्त किया, कुछ गेंदों पर बल्ला चलाकर खेल आरंभ किया.