शीतला ब्लास्ट का आरोपी आईएम का कमांडर यासिन भटकल भी दशाश्वमेध एरिया में ठहरा था
लश्कर का आंतकी मदनी भी बनारस के मुसाफिर खाना में रुका, किसी को भनक तक नहीं लगी
आंतकी घटनाओं से दहल चुके बनारस में एक बार फिर आंतकी गतिविधियां मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। जिला पुलिस से लेकर विभिन्न सुरक्षा इकाईयों ने खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद सर्च अभियान तेज कर दिया है। हालांकि बनारस में कई ऐसे ठिकाने हैं जहां संदिग्धों की आवाजाही लगी रहती है। इसके बावजूद सुरक्षा एजेंसियों को भनक तक नहीं लग पाती। यही कारण रहा कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी उमर मदनी बीते 14 मार्च और 22 मई को काशी आया गेस्ट हाउस में ठहरा, अपना काम किया और चला भी गया।
शहर में तमाम ऐसे गेस्ट हाउस, लॉज और मुसाफिर खाना हैं, जहां कोई भी आए तो खास चेकिंग वगैरह नहीं की जाती। वहां कोई भी फर्जी आईडी लगाकर पनाह ले लेता है। सैकड़ो पेइंग गेस्ट व लॉज हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। शीतला ब्लास्ट में शामिल रहा इंडियन मुजाहिदीन का फाउंडर मेंबर यासिन भटकल भी दशाश्वमेध इलाके के एक गेस्ट हाउस सहित चितरंजन पार्क में ठहर कर निकल गया था। इसी तरह दालमंडी स्थित एक मुसाफिर खाने में कश्मीरियों के पनाह लेने के इनपुट मिलते रहते हैं।
होटल में ठहरना सबसे आसान
हाल के चार-पांच महीनों की बात करें तो हर माह युवक-युवतियों की लाश होटल से बरामद होती है। भले ही बाद में पुलिस कातिलों को पकड़ती है, लेकिन घटना को नहीं रोक पाती। इसके पीछे एक मात्र कारण ये है कि होटलों में रूटीन चेकिंग नहीं होती है। पांच सौ से हजार रुपये में किसी को भी रूम की चाभी दे दी जाती है। इलाकाई पुलिस से सेटिंग कर लॉज, होटल व गेस्ट हाउस वाले सुरक्षा मानक की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
यह भी जानें
- अतिसंवेदनशील शहर में लॉज और गेस्ट हाउस में अपराधी ले रहे शरण
- सिर्फ अलर्ट के दौरान होती है चेकिंग,
- एलआईयू भी रजिस्टर चेकिंग के नाम पर कर रही है खानापूर्ति
नियम तो बहुत हैं
- बनारस में रजिस्टर्ड गेस्ट हाउस की संख्या 680 है
- रजिस्टर्ड लॉज 500 से ऊपर हैं
- 600 से ज्यादा पीजी हैं
- छोटे-बड़े होटल मिलाकर 700 से ज्यादा रजिस्टर्ड हैं
- नियम के मुताबिक सभी होटल, लॉज और गेस्ट हाउस को अपने यहां आने वाले हर गेस्ट की डेली जानकारी पुलिस प्रशासन को देनी चाहिए
- खुफिया विभाग के संबंधित बीट का सिपाही या अधिकारी डेली गेस्ट हाउस में मेनटेन होने वाले रजिस्टर से ये जानकारी लेता है
- होटल और गेस्ट हाउस की जिम्मेदारी है कि हर आने वाले की पूरी डिटेल उसके आईडी प्रूफ के साथ लें
- आईडी की एक कॉफी होटल, लॉज या गेस्ट हाउस ओनर को रखनी होती है
- एक कॉपी खुफिया विभाग का अधिकारी अपने पास रखता है
- हर होटल, लॉज और गेस्ट हाउस में सीसी कैमरा अनिवार्य है
- ताकि किसी संदिग्ध के होने पर उसे ट्रेस किया जा सके
कोई नहीं मानता नियम
- बनारस पीएम का संसदीय क्षेत्र है, यहां डेली हजारों सैलानी आते हैं
- कुछ तो सही ढंग से होटल, लॉज और गेस्ट हाउस में रुकते हैं लेकिन अधिकांश नियमों की अनदेखी करते हैं
- छोटे गेस्ट हाउस संचालित करने वाले यहां ठहरने वालों की कोई आईडी नहीं लेते
- आनलाइन होटल बुकिंग वाले भी कर रहे हैं खेल
- इंडियन टूरिस्ट के आने पर अक्सर उनसे भी आईडी नहीं ली जाती
- ये लापरवाही बड़ा खतरा बन सकती है
- लापरवाही का फायदा शहर का अमन चैन छीनने की चाहत रखने वाले भी उठा सकते हैं
सुरक्षा एजेंसियों से मिले महत्वपूर्ण इनपुट के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा बरत रहे हैं। सभी होटल-गेस्ट हाउस सहित धर्मशालाओं की चेकिंग कराई जा रही है। किसी के यहां भी सुरक्षा मानक से खिलवाड़ मिला तो तत्काल कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
आनंद कुलकर्णी, एसएसपी