-दिवाली ने बढ़ाई बाजार में रौनक

-दालमंडी से लेकर नई सड़क तक दिवाली के आइटमों की चमक

खुशियों के त्यौहार दीपावली मनाने और धनतेरस के पूजा के लिए पूरा शहर तैयार है। शहर में इसकी रौनक दिखने भी लगी है। हर बार की तरह इस बार भी बाजार रंग बिरंगे सजावट के सामान के साथ बिजली की जगमगाती लाइटों व अन्य आइटमों से गुलजार हो चुका है.खास बात ये है कि इन आइटमों में स्वदेशी के साथ चाइनिज सामानों की भी धूम है। बनारस के सबसे बड़े बाजार दालमंडी में घर की शोभा बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक फैंसी आईटम मौजूद है, जो न सिर्फ लोगों को भा रहे है, बल्कि इसकी अंधाधुंध खरीदारी भी हो रही है।

चेहरों पर लौटने लगी रौनक

दीपोत्सव के करीब आते ही धनतेरस बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। खरीदारी का चाहे जो बहाना हो, लेकिन बाजार में निकल रही ग्राहकी से कारोबारियों के चेहरों पर रौनक लौटने लगी है। बावजूद इसके कारोबारियों का कहना है कि कोरोना काल के चलते आíथक मंदी ने लोगों की चाहत को सीमित कर दिया है, खासकर मध्यम वर्ग में। कारोबारियों की मानें तो बीते साल धनतेरस पर्व से एक पखवारे से शुरू हुई बिक्री धनतेरस के दिन उफान पर रही। अकेले धनतेरस के दिन ही कारोबार सात अरब रुपये का आंकड़ा पार कर गया था। मगर इस बार कोरोना काल होने के बाद भी धनतेरस के दिन बेहतर कारोबार होने की उम्मीद है। लेकिन पिछला रेकार्ड टूटना मुश्किल लग रहा है।

देशी के साथ चाइनिज भी

भले चाइना के सामानों से लोग दूरी बना रहे हो, लेकिन बाजार अभी भी देशी के साथ चाइनिज सामान मौजूद है। अब जब मौजूद हैं तो खरीदारी तो करेंगे ही। दिवाली पर बिक रहे बिजली की लाइट्स, झालर, वंडर वार, कैंडल, इलेक्ट्रिक दीपक, कलश व अन्य गिफ्ट आइटम समेत सैकड़ों सामान पर अभी भी 50 फीसदी कब्जा चीनी का ही है। दालमंडी के दुकानदारों का कहना है कि प्लास्टिक और अन्य वस्तुओं से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति भी आ रही है। उनका कहना हैं कि ये सामान भारतीय से काफी सस्ता होता है। भले ही इसकी कोई गारंटी न हो, फिर भी ग्राहक इसे खरीदने में पीछे नहीं है। ग्राहकों का मानना है कि स्वदेशी की तुलना में चाइनिज आईटम ज्यादा सस्ते व फैंसी होते है। दिवाली के बाद अगर वह सामान खराब भी होता है तो उन्हे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।

फैंसी झालरों की बढ़ी है डिमांड

दालमंडी के दुकानदारों का कहना हैं कि बाजार में विभिन्न तरह की लाइटें हैं। इनमें लडियां, रस्सियां, फ्लावर और अन्य चीजें उपलब्ध हैं। लोग इस बार चीनी लडि़यों, और फैंसी लाइटों में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ये उपकरण बाजार में 40 रुपये से 800 रुपये के बीच मिल रहे हैं। दुकानदार मो। आलम ने बताया कि बिजली के दीयों और मोमबत्तियाें की तो पहले से ही मांग है, क्योंकि लोग अब दीया, बाती और तेल की जगह इलेक्ट्रानिक दीये या मोमबत्ती खरीदना अधिक पसंद कर रहे हैं। उन्होने बताया कि देशी उपकरणों का एक दिन का जितना किराया लगता है, उससे कम कीमत में चीनी सामान खरीद लेते हैं।

इस बार खुलकर होगी खरीदारी

दिवाली आने में अभी सप्ताह भर है, लेकिन इसकी खरीदारी अभी से शुरु हो गई है। बाजार में ग्राहकों की भीड़ अभी से देखी जा रही है। महंगाई के बावजूद लोग बिजली की झालरों, लाइटों और सजावटी उपकरणों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना हैं कि इस बार दिवाली पर जबरदस्त कारोबार होने की उम्मीद है।

लाइटिंग दीये, आरती वाले मंदिर

दालमंडी स्थित दुकानदार नवीन कुमार ने बताया कि इस मार्केट में छोटी-छोटी टिमटिमाने वाली लाइटें, मोमबत्ती जैसी लाइटें, लाइटिंग वाले दीये, लक्ष्मी जी का मंदिर, गणेश जी की मूर्ति समेत हर सामान चाइनीज है। हर तरह की लाइटिंग वाली लड़ी 30 रुपए से शुरु होती है और अंत सैकड़ों में होता है। इसके अलावा चाइनीज मंदिर है। मंदिर में खास ये है कि इसमें जगमगाने लाइट्स के साथ बेहद फैशनेबल हैं।

एक नजर

-मूर्तियां 110 से लेकर 500 रुपए तक की रेंज में

-झालर और फैंसी लाइटें 40 से लेकर 800 रुपए तक के रेंज में -चाइनिज पूजा की थाली 110 से 180 रूपए तक के रेंज में

-फैंसी इलेक्ट्रिक कैंडल 80 रुपए से लेकर 200 रूपए तक के रेंज में

-बंदर वार सेट 400 से 500 तक के रेंज में

-चाइनिज डोर माला 25 रूपए प्रति पीस

कोरोना का कहर अब थोड़ा कम हो गया है। जिसका फायदा मार्केट को मिल रहा है। इस बार मार्केट में ग्राहकों को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक चीजें आई है। इस समय बाजार में मूर्ति, बर्तन से लेकर घर के साज सज्जा की पूरी वैरायटी उपलब्ध है। किशोर केशरी, दुकानदार, दालमंडी