- बड़े नोटों पर लगे बैन के चलते हवाला कारोबार हुआ ठप

- बंडलों में ही पड़े हैं बड़े नोट

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पीएम के बड़े नोटों पर बैन के फैसले से बाद हवाला मार्केट में हाहाकार मच गया। हालात ये हुए कि हड़हा, दालमंडी समेत चौक की घनी आबादी वाले इलाके में होने वाले इस कारोबार से जुड़े लोग माथा पकड़कर ही बैठ गए। शहर के पुराने इलाकों में अंगडि़या से लेकर दूसरे नामों से जाने जाने वाले इस अवैध कारोबार पर इस बैन ने ऐसा इफेक्ट डाला है कि इससे जुड़े लोगों का हाल बेहाल हो गया है। क्योंकि उनके पास जो धन है उसे खपाने का कोई ठौर नहीं दिख रहा है।

ये है हवाला कारोबार

दरअसल हवाला का धंधा पूरी तरह से अवैध होता है लेकिन इसे उतनी ही इमानदारी से किया जाता है। इसमें दस के एक नोट की कीमत करोड़ों तक हो जाती है। बनारसी साड़ी से लेकर सोने-चांदी के आभूषण, तस्करी से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम समेत काफी ऐसे सामान हैं जो यहां पर आते भी है और भेजे भी जाते हैं। इसके भुगतान के लिए हलावा का सहारा लिया जाता है। इसमें जिसे भुगतान लेना होता है उसे दस के एक नोट का नंबर बताना होता है। लाखों-करोड़ों रुपये का पेमेंट सिर्फ इस नोट को लेकर कर दिया जाता है। दो नंबर का भुगतान बैंक के जरिये नहीं हो सकता लिहाजा इसके लिए हवाला का सहारा लिया जाता है। कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि दिल्ली-कोलकाता के लिए ढाई सौ से तीन सौ रुपये प्रति लाख तथा मुंबई के लिए पांच सौ रुपये लिया जाता है। महज आधा प्रतिशत पर कारोबार होता है। रोजाना करोड़ों का लेन-देन इसके जरिये किया जाता था लेकिन बड़े नोटों पर बैन के बाद पूरा धंधा ही चौपट हो गया।