वाराणसी (ब्यूरो)साइबर ठगों के जाल में कम पढ़े-लिखे फिलहाल कम फंस रहे हैं, लेकिन ज्यादातर नौकरीपेशा, शिक्षक लालच में आकर जालसाजी का शिकार हो रहे हैंइस साल जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें ज्यादातर पढ़े-लिखे ही लोग फंसे हैंबता दें कि रोजाना 12 से 15 साइबर क्राइम की घटनाएं हो रही हैैंलोगों को फंसाने के लिए तरह-तरह से कोशिशें करते हैंलेकिन, सबमें एक बात लगभग सामान्य है कि ओटीपी दिया जाता हैइसे लेकर पुलिस लंबे समय से जागरूक कर रही हैइसका असर देहात के इलाकों में ज्यादा देखने को मिला हैवहीं, पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साइबर क्राइम की घटनाओं से बचने के लिए जागरुकता ही एकमात्र रास्ता है.

रूरल में कम घटनाएं

इन दिनों रूरल में जालसाजी की घटनाएं कम हुई हैं, जबकि शहर में घटनाएं बढ़ गई हैंसाइबर एक्सपर्ट लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर जालसाजी से बचाव की बातों को वायरल कर रहे हैं, ताकि इसे देखकर लोग बचें, लेकिन फिर भी आए दिन घटनाएं सामने आ रही हैं.

केस-1

बीएचयू के सांख्यिकी विभाग में सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट डॉराम सागर यादव ने शिकायत की कि वाट्सएप नंबर के माध्यम से खुद को एक कंपनी का एचआर विभाग का बताकर कंपनी का प्रचार-प्रसार करने पर भुगतान करने, टास्क व अन्य टैक्स के नाम पर करीब 11 लाख की धोखाधड़ी की गई.

केस-2

भेल में कार्यरत प्रदीप सिंह निवासी अवलेशपुर, चितईपुर ने शिकायत दी कि वाट्सएप ग्रुप में शेयर बाजार पर शिक्षा प्रदान करने संबंधित तथा लिंक के माध्यम में गूगल फार्म भरवाकर फंड ट्रांसफर व इन्वेस्टमेंट आदि के नाम पर पौने नौ लाख का फ्रॉड किया गया.

केस-3

टीचर वंदना राय निवासी लंका ने कंप्लेन दी कि वाट्सएप ग्रुप में एडमिन के कहने पर पंथ-55 एप डाउनलोड करने तथा एप में ट्रेड व इंवेस्टमेंट आदि के नाम पर लगभग 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है.

केस-4

मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी रविप्रकाश निवासी मंडुआडीह ने शिकायत दी कि टेलीग्राम के माध्यम से लिंक भेजकर पार्ट टाइम जॉब का झांसा देकर टास्क के माध्यम से शुरू में 10,000 का फायदा देकर और बाद में पैसा लेकर इसे डबल करने के नाम पर 9 लाख 87 हजार रुपये का फ्र ाड किया गया.

केस-5

बैैंक मैनेजर से रिटायर महमूरगंज निवासी वीरेंद्र कुमार साइबर ठगों के शिकार हो गएशिकायत दी कि गूगल द्वारा आईएफएससी कोड की जानकारी के लिए फोन आया और उनके वाट्सएप नंबर पर एक एप का लिंक आयाउस पर नाम, मोबाइल नंबर व ईमेल डालने पर उनके खाते से पांच लाख निकल गए.

फैक्ट फीगर

12 से 15 साइबर क्राइम की घटनाएं डेली

335 ठगी के मामले इस साल आए हैैं

3 करोड़ रुपए से अधिक का हुआ फ्रॉड

32 लाख रुपए का कराया गया रिफंड

ऐसे फंसाते हैं साइबर ठग

-लाभ दिखाकर रुपए फर्जी बैंक खातों में जमा करवाना.

-टेलीग्राम पर फर्जी ट्रेडिंग चैनल बनाकर निवेश करवाना.

-ऑनलाइन जॉब या पार्ट टाइम जॉब का लालच देना.

-क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर रुपए जमा कराना.

-प्रोडक्ट की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर रुपए जमा करवाना.

फ्रॉड के बाद लेट न करें

साइबर एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता ने बताया कि साइबर ठगी होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी कंप्लेन दर्ज कराएंइसके अलावा साइबर क्राइम थाने के मोबाइल नंबर 7839876675 पर भी सूचना दी जा सकती है। 24 घंटे के भीतर शिकायत करने पर लेन-देन को जांच एजेंसियां फ्रीज करा देती हैं और पैसा आसानी से वापस मिल जाता है, लेकिन देर होने पर रकम वापस लाने की संभावना कम हो जाती है.

यहां करें कंप्लेन

1930 हेल्पलाइन नंबर पर

7839876675 साइबर क्राइम थाने के मोबाइल नंबर

155260 साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर

222.ष्4ड्ढद्गह्म्ष्ह्म्द्बद्वद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर

पढ़े-लिखे लोग भी साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैैंफ्रॉड के नये टें्रड से लोगों को अवेयर भी किया जा रहा हैइसके बावजूद अपराध रोकने के लिए सोशल मीडिया पर एक्सपर्ट की टीम नजर रख रही है.

विजय नारायण मिश्र, प्रभारी, साइबर थाना