वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में लूट, डकैती, चोरी जैसी आपराधिक घटनाओं के ग्राफ में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन कैशबैक फ्रॉड, यूपीआई आईडी स्पूफिंग और फेसबुक, इंस्टाग्राम व स्नैपचैट पर दोस्ती कर प्यार का नाटक कर लूटपाट की जा रही हैतीन साल के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैंइस दौरान वाराणसी के करीब साढ़े छह हजार लोग साइबर जालसाजों के झांसे में फंसकर लगभग 65 करोड़ रुपए गंवा चुके हैंसाइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं से अब लोग एटीएम कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट समेत हर तरह की ऑनलाइन गतिविधियों से घबराने लगे हैंहालांकि, साइबर क्राइम पर कंट्रोल के लिए अलग से सेल और थाने की टीम हैसख्त निगरानी और एक्शन के बावजूद साइबर फ्रॉड तीन साल में तीन गुना हो गया है

होल्ड कराई रकम, वापस भी कराई

साइबर जालसाजों के झांसे में सबसे अधिक काशी जोन के लोग फंसते हैंपोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार 2019 से दिसंबर 2023 तक 14,25,99,705 रुपए की ठगी हुई थीइसमें पुलिस ने 1,25,18,498 रुपए होल्ड और 33,79,055 रुपए वापस कराएदूसरे नंबर पर वरुणा जोन में 13,78,97,022 रुपए की ठगी हुई थीइसमें 1,59,32,624 रुपए होल्ड और 4,12,000 रुपए वापस कराए थेगोमती जोन में 8,33,93,566 रुपये की ठगी हुई थी, जबकि 56,52,096 रुपए होल्ड और 2,19,000 रुपए वापस कराए गएसाइबर थाने में दर्ज आकड़ों के अनुसार अगस्त 2020 से अब तक कुल 170 मामले दर्ज हुए हैं। 10,48,28,417 रुपये की ठगी हुई थीहोल्ड/सीज/बरामदगी धनराशि 1,67,00,680 हैलगभग 1.2 करोड़ का सामान बरामद किया गया और 57 ठगों को गिरफ्तार भी किया गया

कब कितनी जालसाजी

साल ----- शिकार लोग ---- अमाउंट

2021 ----- 1820 -------- 17 करोड़

2022 ----- 2060 -------- 21.5 करोड़

2023 ----- 2700 -------- 27.5 करोड़

(नोट: आंकड़े साइबर सेल और थानों के अनुसार हैं। 2023 में 2300 लोगों के साथ मनी फ्रॉड हुआ है.)

24 घंटे के भीतर करें कंप्लेन

साइबर एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता ने बताया, साइबर ठगी होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएंइसके अलावा साइबर क्राइम थाने के मोबाइल नंबर 7839876675 पर भी सूचना दी जा सकती है। 24 घंटे के भीतर शिकायत करने पर लेन-देन को जांच एजेंसियां फ्र ज करा देती हैं और पैसा आसानी से वापस मिल जाता है, लेकिन देर होने पर रकम वापस लाने की संभावना कम हो जाती है

यहां करें कंप्लेन

1930 हेल्पलाइन नंबर पर

7839876675 साइबर क्राइम थाने के मोबाइल नंबर

155260 साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर

साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर

नासमझी से बढ़ा ग्राफ

साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि साइबर अपराध का तरीका आसान और जोखिम कम होने के कारण इसका ग्राफ बढ़ रहा हैलोगों की नासमझी और चूक भी साइबर अपराधियों को लाभ पहुंचाती हैऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को इसकी निगरानी के लिए खुद को अपग्रेड और अपडेट करते रहना होगालेकिन आम लोगों की सतर्कता के बिना सुरक्षा एजेंसियों के लिए इसे रोक पाना संभव नहीं होगा.

ऐसे करते हैं ठगी

कैशबैक फ्र ॉड, साइबर ठग कैशबैक, गिफ्ट वाउचर, स्क्रैच कार्ड आदि का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैंआपको यूपीआई ऐप से होने का दावा करने वाले लिंक के साथ एक एसएमएस प्राप्त होता है और आपको रोमांचक कैशबैक पुरस्कारों को क्लिक करने और अनलॉक और रिडिम करने का आग्रह किया जाता हैअगर आपने लिंक पर क्लिक किया और इनाम का क्लेम करने के लिए कदम उठाया तो जालसाज आपका खाता खाली कर देगाकुछ धोखेबाज आपको कॉल भी कर सकते हैं और आपको यूपीआई ऐप पर कैशबैक प्राप्त करने के लिए कह सकते हैंअब साइबर अपराधी क्यूआर कोड स्कैनिंग के जरिए भी लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं

बैंकिंग फ्र ॉड का खतरा

गूगल-पे, पेटीएम, फोन-पे, अमेजन-पे जैसे यूपीआई एप्स ने डिजिटल बैंकिंग को आसान बना दिया हैइसके साथ ही बैकिंग फ्र ॉड के खतरे बढ़ गए हैं.

यूपीआई आईडी स्पूफिंग

साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए जालसाज बड़ी बड़ी कंपनियों के यूपीआई आई की स्फूपिंग का इस्तेमाल कर रहे हैंइसमें साइबर ठग कंपनियों के मिलते जुलते फर्जी यूपीआई आईडी बनाते हैं और आपसे किसी डील के बहाने पैसे मंगा लेते हैं

ऐसे बरतें सावधानी

किसी दुकान के बाहर लगे क्यूआर कोड या पेट्रोल पंप पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करते समय अलर्ट रहेंस्कैमर ओरिजनल क्यूआर कोड को अपने क्यूआर कोड से बदल सकते हैं.

ध्यान रखें, जब भी क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करें तो रिसीवर का नाम जरूर कन्फर्म कर लें.

मैसेज और ई-मेल पर आए अनजान और नए क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें.

क्यूआर कोड स्कैन करने से पैसा आपके खाते से कटता हैन की पेमेंट रिसीव होता है.