-एंबुलेंस न मिलने से स्ट्रेचर से शव ले जाने का वीडियो वायरल होने पर प्रशासन सख्त

-डीएम ने चीफ सुपरिटेंडेंट डॉ। प्रसन्न से मांगा जवाब

बनारस में पिछले दो दिनों से स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता की तस्वीर सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में जिले के मंडलीय अस्पताल में वृद्धा की मौत के बाद जब परिजनों को डेड बॉडी घर ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली तो परिजन स्ट्रेचर से ही मृत महिला का शव का लेकर घर चले गए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर हालत की पोल खुल गई है। अब यह सवाल उठने लगा है कि स्वास्थ्य महकमा अपनी इमरजेंसी सेवाओं को लेकर कितना संजीदा है।

ये है मामला

छोटी पियरी निवासी एक महिला शुक्रवार रात करीब 9.40 बजे अस्पताल में आई थी। महिला को सर्दी जुकाम और बुखार था। डॉक्टर ने उन्हें वार्ड नंबर चार में भर्ती किया था। इस दौरान महिला की अचानक तबियत बिगड़ने लगी। परिवार के लोग जब तक कुछ समझ पाते महिला की मौत हो गई। परिवार के लोगों का कहना है कि वे लोग घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन कोई नहीं आया। इस कारण वे लोग स्ट्रेचर से ही शव को लेकर घर चल दिए। स्ट्रेचर के साथ एक महिला थी जो पूरे रास्ते रोते बिलखती जा रही है। इसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

क्या कह रहे चीफ सुपरिटेंडेंट

मंडलीय अस्पताल के चीफ सुपरिटेंडेंट प्रसन्न कुमार ने घटना पर सफाई देते हुए बताया कि महिला की मौत के बाद परिवार के लोगों को एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। एम्बुलेंस आने में 15-20 मिनट का समय लगता है। इस दौरान वे लोग स्ट्रेचर सहित मरीज को लेकर चले गए। हम लोगों को जब स्ट्रेचर नहीं मिलने की जानकारी हुई तो कोतवाली थाने में एक मेमो दिया गया।

लापरवाह स्वास्थ्य महकमा

यह कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन यहां मरीज को एंबुलेंस न मिलने व सही समय पर इलाज न मिलने के वजह लोग अपनी जवान गवां रहे हैं। यह मामला उस वक्त सामने आया है जब वाराणसी में कोरोना से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

सरकार पर विपक्ष हुआ हमलावर

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष को भी बोलने का मौका मिल गया है। वीडियो को पूर्व विधायक अजय राय ने अपने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए इसे योगी सरकार का अमानवीय चेहरा बताया। साथ ही असहाय परिजनों की मजबूरी का भी जिक्र किया।

डीएम ने शुरु की कार्रवाई

इस घटना के सामने आने के बाद डीएम कौशल राज शर्मा ने मंडलीय अस्पताल के चीफ सुपरिटेंडेंट डॉ। प्रसन्न कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले अस्पतालकíमयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। ताकि बाकी अन्य स्वास्थ्यकर्मी उससे सबक ले सकें।