वाराणसी (ब्यूरो)किसी भी शहर के लिए सड़कों को विकास का इंडिकेटर माना जाता हैलेकिन, स्मार्ट सिटी बनारस में सड़कों की स्थिति बदहाल हैतीन दर्जन से अधिक शहरी इलाकों की सड़कें बदहाल हैंये कहीं बीच में कटी हैं तो कहीं गड्ढों की भरमार हैलगभग सभी सड़कों की पटरी पुरी तरह से क्षतिग्रस्त है या खतरनाक रूप से कटी हैशहर के चौकाघाट, कैंट, लहरतारा, सिगरा, सामनेघाट, पांडेयपुर, रमना, डाफी, खोजवां, हरिनगर और आशापुर समेत शहर के हर इलाके का यही हाल हैसड़कों की दुर्दशा पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया.

बदहाली का दाग

कैंट स्टेशन

यहां कैंट रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस अड्डा हैलिहाजा, यहां प्रतिदिन लाखों की तादात में यात्री और तकरीबन तीन लाख से अधिक नागरिकों का आवागमन होता हैलेकिन, कैंट क्षेत्र में दोनों लेन की सड़क बदहाल हो चुकी हैफ्लाई ओवर के पिलर नंबर 63, 64 और 32 की पास रोड बाईं ओर बुरी तरह से कटकर क्षतिग्रस्त हैगड्ढे पांच फिट से अधिक लंबे और चौड़े हैंरोड के बदहाल होने की वजह से आवागमन में काफी दिक्कत होती हैरात के समय में वाहन चालक गिरकर घायल भी होते हैैं.

ध्यान भटका तो हादसा तय

चौकाघाट

चौकाघाट की सड़क से रोज तकरीबन पांच लाख से अधिक वाहन गुजरते हैैंयह इलाका भारी काम, बस रिपेयरिंग, स्कूल, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और पूर्वांचल के कई जिलों में आने-जाने का प्रमुख संपर्क मार्ग हैचौकाघाट में पानी टंकी के पास रोड पर एक साथ कई बड़े और गहरे गड्ढे हैैंकाशी स्टेशन आने और कैंट से जाने वाले वाहन चालकों को कटी व बदहाल सड़क से गुजरने में परेशानी होती हैसफर के दौरान जरा सा ध्यान भटकने पर दुर्घटना होना तय समझिये

सड़क नहीं तालाब कहिए

पांडेयपुर-नई बस्ती

पांडेयपुर-नई बस्ती की सड़क भी कई स्थानों पर बदहाल हैस्पीड लिमिट में भी चलने पर वाहन झटके खाते रहते हैैंइससे वाहन में बैठी महिलाएं, बुजुर्ग और पेशेंट्स को काफी दिक्कत होती हैपांडेयपुर में चंद्रा चौराहे की सड़क तकरीबन तीन किमी बदहाल हैसड़कें बहुत बुरी तरह से कट चुकी हैैं और बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैैंइनमें बारिश का पानी लगने से सड़कें तालाब सरीखी लगती हैं.

पैदल गुजरना भी मुश्किल

इन सड़कों पर जैसे-तैसे वाहन चालक गुजर जाते हैैं, लेकिन गंभीर रूप से कटी और बदहाल सड़क से एंबुलेंस, स्कूल बस, साइकिल और पैदल आवागमन करने में भी परेशानी होती रहती हैकई बार पानी लगे सड़क पर चलने से वाहन का पहिया गड्ढे में जाने से गिरकर चोटिल भी हो जाते हैैं, और कपड़े भी खराब हो जाते हैैं.

खराब सड़क की वजह से वाहनों में अधिक डीजल और पेट्रोल जलता हैविभाग को जल्द से जल्द सड़कों की मरम्मत करनी चाहिए.

मोनशीम, यूथ

स्कूल-कॉलेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं को दिक्कत होती हैखराब सड़क की वजह से आए दिन छात्र गिरकर चोटिल होते रहते हैैं.

कृष्ण कुमार मौर्य, नागरिक

कैंट इलाके की सड़क की यह दुर्दशा समझ से परे हैैयहां दुनिया भर से लोग आते हैैंलिहाजा, जल्द से जल्द बदहाल सड़कों की मरम्मत की जाए

राजीव सिंह, नागरिक

कैंट समेत शहर भर में पीडब्ल्यूडी के तहत आने वाली बदहाल सड़कों का सर्वे कर शासन को भेजा जा रहा हैजैसे ही बजट आवंटित होता हैसड़कों की मरम्मत करा दी जाएगी.

केके सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

नगर निगम के तहत आने वाली बदहाल सड़कों का सर्वे कर लिया गया हैबारिश बंद होते और सड़कों की नमी सूख जाने पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम