वाराणसी (ब्यूरो)सामान्य परिवार के रौनक उर्फ मुकेश को आलीशान ङ्क्षजदगी जीने की चाहत थीवह अपने पिता व भाइयों के साथ मेहनत करके कमाना नहीं चाहता थारुपये कमाने के कई प्रयास असफल होने के बाद नकली नोट छापने वाले गिरोह से जुड़ गयाकाली कमाई से कार खरीदी थीराजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने उसे उसके मूल निवास चौबेपुर थाना क्षेत्र के सिरिस्ती गांव से गिरफ्तार किया तो लोगों को इसके करतूत के बारे में जानकारी हुई.

पहले से की थी तैयारी

मथुरा से आई जीआरपी शुक्रवार की भोर में उसके गांव पहुंचीअभी गांव के आधे लोगों की नींद भी नहीं खुली थी कि भारी-भरकम फोर्स देखकर सहम गएजीआरपी ने मुकेश के घर की जानकारी पहले ही हासिल कर ली थीबिना मौका दिए घर के अंदर दाखिल हुई और उसे गिरफ्तार कर लियाउसे पकड़ लियाघर वाले व आसपास के लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उसने ऐसा क्या कर दियाथोड़ी ही देर में उन्हें मुकेश के जाली नोट छापने के गिरोह से जुड़े होने की जानकारी हुई

ट्रक चालक है छोटा भाई

मुकेश दो भाइयों में बड़ा हैछोटा भाई ट्रक चलाता हैमुकेश ने जाल्हूपुर स्थित कच्चा बाबा इंटर कालेज से पढ़ाई की हैइसके बाद कमाई के लिए दिल्ली चला गयाकुछ दिन इधर-उधर काम किया लेकिन मेहनत करना उसे पसंद नहीं आयाउसने शाइन सिटी से जुड़कर फर्जीवाड़ा करना शुरू कियागांव के कई लोगों से रुपये दोगुना करने का लालच देकर रुपये ऐंठ लिए थेरुपये वापस मांगने पर उन लोगों से इसका विवाद भी हुआ थालोगों को आशंका है कि नकली नोट को खपाने के लिए उसने वाराणसी में कुछ लोगों की टीम तैयार की थी

मथुरा में पकड़ा गया गिरोह

बता दें कि मथुरा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बीते शुक्रवार को नकली नोट छापने के गिरोह का राजफाश कियापूरे देश में नकली नोट का धंधा करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया हैगिरोह में पश्चिम बंगाल के मालदा का सनाउल, मुस्तफा, सलीम और वाराणसी के चौबेपुर के सिरिस्ती का रौनक उर्फ मुकेश हैंइनके कब्जे से 1.50 लाख रुपये के नकली नोट और नोट छापने के लिए सिक्योरिटी पेपर भी मिला.