- पुरातन काल में शुरू हुई देव दिवाली हजारा दीयों से बढ़कर अब पहुंच चुकी है हर घाट पर

- कई घाटों पर होते हैं बड़े सांस्कृतिक आयोजन, इस बार भी दशाश्वमेध और भैंसासुर घाट पर होंगे बड़े कार्यक्रम

परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम-देव दीपावली। महारानी अहिल्याबाई होलकर ने परम्पराओं के साथ इस देव दिवाली की शुरुआत पंचगंगा घाट पर पत्थरों से बने हजारे से की थी लेकिन आज ये परम्परा काशी के महापर्व का रूप ले चुकी है। हालांकि आधुनिकता के साथ बदल चुके इस पर्व के स्वरुप के बाद अब भी पंचगंगा घाट पर मौजूद हजारा दीपस्तंभ हर साल जब देव दिवाली पर जगमग होता है तो परम्परा संग आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। हालांकि अब इस महापर्व में कई ग्रैंड आयोजन कई बड़े घाटों पर होते हैं। जिसकी तैयारी इस बार भी की गई है।

आनंदी बेन होंगी चीफ गेस्ट

गंगा सेवा निधि की ओर से दशाश्वमेध घाट पर गंगा में पीपे पर सजे मंच पर आयोजित कार्यक्रम और गंगा आरती में गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल मुख्य अथिति होंगी। गंगा सेवा निधि केअध्यक्ष सुशांत मिश्र ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार काशी की शान और ठुमरी की रानी गिरजा देवी को सोमा घोष ठुमरी गाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। बताया कि देव दीपावली पर 21 ब्राह्मणों की ओर से मां गंगा की आरती की जायेगी। इस मौके पर यहां बने इंडिया गेट संग अमर जवान ज्योति की प्रतिकृति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जायेगी। वहीं गंगोत्री सेवा समिति की ओर से आयोजित आयोजन शहीदों को समर्पित होगा। आयोजन में मुख्य अतिथि महिला कल्याण परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी समेत कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे। यह जानकारी गंगोत्री सेवा समिति की ओर से कन्हैया त्रिपाठी, शांतिलाल जैन आदि ने प्रेस कांफ्रेंस में दी।

अनूप जलोटा बहायेंगे सुर गंगा

देव दिवाली पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के क्रम में पहल और केन्द्रीय देव दीपावली महासमिति की ओर से भैंसासुर घाट पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। ये जानकारी समिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त शास्त्री समेत संरक्षक आलोक पारिख ने दी। कार्यक्रम में सुर सम्राट अनूप जलोटा का भी कार्यक्रम होगा। आरती और गंगा पूजन के लिए बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी मौजूद रहेंगे।