-माध्यमिक स्कूल्स में 45 परसेंट शिक्षकों के पोस्ट चल रहे हैं खाली, पांच साल से नहीं हुई कोई भर्ती

-चार मंथ बाद भी स्टूडेंट्स को नहीं बंटी नि:शुल्क किताबें, उधार की किताबों से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं स्टूडेंट

VARANASI

नकल तो सीबीएसई बोर्ड से करते हैं लेकिन जब बात शिक्षा की गुणवत्ता की आती है सारे दावे ध्वस्त हो जाते हैं। तब न तो क्लास में पढ़ाने के लिए टीचर मिलते हैं और न ही फ्री में मिलने वाली बुक्स बच्चों को सही समय पर अवेलेबल हो पाती है। लेकिन तुलना करेंगे कि सीबीएसई बोर्ड जैसी पढ़ाई यूपी बोर्ड में होनी चाहिए। अप्रैल मंथ में ही माध्यमिक स्कूल्स का सेशन स्टार्ट हो गया लेकिन अब तब गवर्नमेंट की ओर से बच्चों को फ्री बुक्स अवेलेबल नहीं हो सकी है। लिहाजा बच्चे पुरानी व उधार की मिली हुई किताबों से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। यहीं नहीं डिस्ट्रिक्ट के तमाम माध्यमिक स्कूल्स में फ्भ् से ब्भ् परसेंट शिक्षकों के पोस्ट खाली हैं। पिछले पांच सालों में माध्यमिक स्कूल्स में शिक्षकों की नई भर्तियां भी नहीं हुई हैं। ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता की कल्पना बेईमानी है।

क्0म् स्कूल्स में भ्00 शिक्षकों की कमी

यूपी बोर्ड से संचालित जिले के क्0म् अनुदानित स्कूल्स में लगभग पांच सौ शिक्षकों की कमी है। हर साल तीन से चार सौ शिक्षक रिटायर हो रहे हैं लेकिन उनके पोस्ट पर किसी की तैनाती नहीं हो रही है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि यूपी बोर्ड के स्कूल्स में पढ़ाई की क्या कंडीशन होगी? जहां विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का टोटा है। शिक्षा को लेकर शासन गंभीर तो जरूर है लेकिन उस पर अमल नहीं कर पा रहा है। अब तो शिक्षा के सुधार को लेकर डीएम द्वारा जारी 'शिक्षा ग्रह' योजना के क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़ा होने लगा है।

हिंदी के टीचर पढ़ा रहे इंग्लिश

डिस्ट्रिक्ट के अनुदानित 8भ् परसेंट स्कूल्स में मैथ, साइंस, इंग्लिश जैसे महत्वपूर्ण सब्जेक्ट वाइस टीचर्स के पोस्ट खाली चल रहे हैं। हाल यह है कि हिंदी का टीचर इंग्लिश पढ़ा रहा है तो साइंस का टीचर गणित के सवालों में उलझा हुआ है। जैसे-तैसे इन स्कूल्स में पढ़ाई का कोरम पूरा किया जा रहा है। जुलाई मंथ का भी अंत हो गया वहीं बीच में त्योहारों का अवकाश उसके बाद फरवरी माह में वार्षिक परीक्षाएं भी स्टार्ट हो जाएंगी। इतना ही नहीं स्कूल्स के पर्याप्त संसाधन तक नहीं है।

लगभग 8भ् परसेंट स्कूल्स में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं अब तक बच्चों को नि:शुल्क किताबें भी नहीं वितरित की गई हैं।

रघुवंश राय

जिलाध्यक्ष

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ

अनुदानित स्कूल्स में शिक्षकों की कमी जरूर है। रिक्तियां भरने के लिए शासन को लेटर भी लिखा गया है। वहीं अगस्त मंथ तक सभी बच्चों को नि:शुल्क किताबों का वितरण भी कर दिया जाएगा।

अवध किशोर सिंह

डीआईओएस