-करीब 150 बच्चों का अब तक नहीं हो सका निजी स्कूलों में दाखिला

जिले के कई स्कूल राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। बच्चों का एडमिशन कराने के लिए अभिभावक स्कूल से लगायत बीएसए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी की है। आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है। डीएम व बीएसए से इसकी रिपोर्ट पांच दिनों तलब की है। नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों के लिए निर्धारित करने का प्रावधान है। इसके तहत सभी निजी स्कूल में चयनित बच्चों की सूची भेजी गई है। वहीं करीब 150 बच्चों का अब तक निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हो सका है। जबकि नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो गया है। तमाम स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी है। दाखिला न होने के कारण इन बच्चों का कोर्स पिछड़ रहा है। वहीं कई स्कूल मुफ्त दाखिला लेने के नाम पर अभिभावकों को दौड़ा रहे हैं। इसे लेकर कई अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि ऐसे पांच और विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस दी गई है। फिलहाल नोटिस का जवाब मांगा गया है।