- हर तरफ बिखरी दिखी ईद की रौनक, अकीदतमंदों ने अदा की ईद की नमाज

- नये कपड़ों में सज-धज कर लोग गये एक- दूसरे के घर, सेवई खिलाकर मनाया त्योहार

VARANASI

शहर की फिजाओं में ईद की खुशियां हर तरफ तारी रहीं। माहौल तो रविवार को चांद होने के तस्दीक के साथ ही बन गया था पर सोमवार को खुशियों ने शबाब की राह पकड़ ली। मुस्कुराते खिलखिलाते नये कपड़ों में सजे-धजे लोग एक- दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते रहे। उत्साह से लबरेज अकीदतमंद सुबह- सुबह तैयार हुए और ईद की नमाज अदा करने के लिए तय मस्जिदों की ओर चल पड़े। झक सफेद कपड़े, सिर पर सजी शानदार टोपी और खुशबूदार इत्र की गमक ने माहौल को खास बना दिया। क्या बच्चा क्या बुजुर्ग सभी पर ईद की खुशियों का रंग छाया रहा।

हर तरफ ईद मुबारक

शहर के तमाम ईदगाहों और मस्जिदों में ईद की नमाज पूरे अकीदत और एहतराम के साथ पढ़ी गई। ईद की खास नमाज के लिए सुबह से ही नमाजियों का जुटान होने लगा था। अलग- अलग मस्जिदों में अलग अलग वक्त नमाज के लिए मुकर्रर था। नमाज पढ़ने के लिए बच्चों, नौजवानों और बुजुर्गो की भीड़ ईदगाहों की तरफ बढ़ती ही चली जा रही थी। मस्जिद बैतुस्सलाम डेवढि़याबीर में काजी-ए-शहर मौलाना गुलाम यासीन, ईदगाह हकीम सलामत अली पितरकुंडा में मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, ईदगाह पुराना पुल में मौलाना शकील अहमद, मस्जिद खुदा बख्श जायसी लंगड़े हाफिज मे मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन चौराहा में मौलाना मुबारक हुसैन, मस्जिद नवाब टोंक गिलट बाजार में अहमद नस्र, मस्जिद लाट सरैयां में मौलाना जियाउर्रहमान, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक ने नमाज अदा करायी। शिया मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा की गयी। मौलानाओं ने लोगों को अमन और भाईचारे से रहते हुए मुल्क की तरक्की के लिए मिलकर काम करने की नीहत दी।

उठती रही सेवइयों की गमक

ईद के दिन हर रसोई से लजीज पकवानों की गमक उठती रही। लोगों ने सेवइयों को अलग-अलग रूप और अंदाज में अपने मेहमानों के सामने पेश किया। लोगों के यहां आने-जाने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। शहर के यूथ क्लास की भीड़ तो मॉल्स में उमड़ी दिखी। बहुत से लोगों ने पिकनिक पर जाने की प्लानिंग की थी। बस फिर क्या था कोई अपने परिवार के साथ तो कोई दोस्तों के साथ ईद की खुशियां मनाता दिखा। लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर ईद की खुशियां बांटी। हर घर से लजीज सेवइयों गमक उठती रही।

वाह क्या डिजाइन है

यूथ क्लास का तो ड्रेसिंग स्टाइल ही देखने लायक था। किसी ने जींस पर कुर्ता पहन रखा था, तो कोई स्टाइलिश बैलून फिट पायजामे में जंच रहा था। कुर्ते की वेरॉयटी इतनी थी कि जैसे लगा हर कुर्ता अलग डिजाइन का है। ट्रेडिशनल कुर्ता- पायजामा तो फैशन के इस दौर में कहीं गुम- सा नजर आया। सफेद के अलावा अलग- अलग चटख रंगों में कुर्ता पहने लोग ईद की खुशियां मनाते नजर आये। कुर्ते का कपड़ा भी ऐसा वैसा नहीं, लिनेन का था। कुर्तो की इंब्रायडरी उसकी खासियत का बखान कर रही थी।