-आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर लेने में बरतें सावधानी, नहीं तो बढ़ सकती है परेशानी

-आयुष मंत्रालय ने जारी की गइडलाइंस, खाने-पीने की चीजों का रखना होगा ध्यान

कोरोना संक्रमित मरीज को ठीक करने के लिए अभी तक कोई दवा नहीं बन सकी है। डॉक्टर्स का कहना है कि जिसकी इम्युनिटी जितनी मजबूत रहेगी वो उतना इस बीमारी से दूर होगा। इसलिए लोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हर जतन कर रहे हैं। कोई काढ़ा रोजाना पी रहा है तो कोई होम्योपैथिक से लेकर आयुर्वेदिक दवाएं ले रहा है। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी इम्युनिटी बढ़ाने के नुस्खे की बाढ़ आ गयी है। सोशल प्लेटफॉर्म पर रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का ज्ञान बांटा जा रहा है। खास बात ये है कि लोग इन बातों को बिना किसी जांच के इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर आप इस बात से अंजान हैं कि यह ज्ञान आपके जान को खतरे में भी डाल सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए आयुर्वेदिक फॉर्मूले को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर अपनाने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी हैं। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय व हॉस्पिटल ने गाइडलाइंस जारी की है। जिसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया के जरिए बताए गए फॉर्मूले नुकसानदायक हो सकते हैं। किसी भी दवा के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर्स से कंसल्ट जरुर करें। आप भी जानिये कुछ भी इस्तेमाल करने से पहले क्या बरतनी है सावधानियां।

रातों रात नहीं बढ़ती इम्युनिटी

अधिकारियों के मुताबिक आयुष मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दवाएं निर्धारित की हैं। उनमें जड़ी बूटियों की मात्रा, विधि, प्रयोग की मात्रा को निर्धारित किया गया है। इसके लिए हाल ही में आयुष कवच मोबाइल एप भी लांच किया गया है, जहां सब कुछ उपलब्ध है। ऐसे में खुद से या सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सलाह पर दवा लेना या इसमें बदलाव करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कई सारे लोग पहले से किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और इम्युनिटी बढ़ाने के चक्कर में बिना चिकित्सकीय सलाह के औषधियों का सेवन कर रहे हैं। आयुर्वेद डॉक्टर्स का कहना है कि इम्युनिटी रातों रात नहीं बढ़ती। इसके लिए औषधि के साथ-साथ भोजन और जीवनशैली में भी बदलाव जरूरी है। आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार, ग्रीष्म ऋतु में शरीर का बल, पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक शक्ति प्राकृतिक रूप से कम होती है। मौसम के अनुसार, भोजन और जीवन शैली अपनाई जानी चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

इस समय खाने पीने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जितना ये जानना आवश्यक है कि क्या खाना है उतना ही इंपॉर्टेट ये भी जानना है कि क्या नहीं खाना है। जैसे अरबी, पत्ते वाली सब्जी, उड़द की दाल, दही, छाछ, खट्टे फल, राजमा, छोले, बासमती चावल, गुड़, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, पकवान, सलाद, बिना उबला या बिना पका भोजन, तरबूज, पानी, फ्रीज में रखे हुए खाने आदि का सेवन कम मात्रा में करें।

इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा

4 लोगों के लिए

कालीमिर्च, पीपल, तुलसी के ताजे पत्ते, सौंठ को 5-5 ग्राम मात्रा में मोटा या बारीक पीस लें, इस पाउडर को 200 ग्राम पानी में आधा रहने तक पकाएं, छानते समय मिक्चर को दबाएं, जिससे सभी औषधीय गुण आ जाएं, 25 एमएल प्रति व्यक्ति सुबह खाली पेट लें।

ऐसे रहें अलर्ट

-गर्म या सादा पानी, मूंग, मसूर, चना, अरहर की दाल, लौकी, तोरी, कढ़ी, प्याज, लहसुन, हरी मिर्च, मोटा चावल, गेहूं व चने के आटे की रोटी, भिंडी, दलिया, उपमा, पोहा का सेवन करें।

ऐसा बिल्कुल न करें

-दूध के साथ नमकीन, फल, चाय के साथ नमकीन, रात के समय फल, भोजन के बाद चाय या ठंडा पानी नहीं लेना चाहिए।

जीवन शैली में ये बदलाव करें

-सुबह जल्दी उठना

-शौच के बाद व रात को भोजन के बाद कम से कम 600 कदम चलना

-दिन में बिल्कुल भी न सोना

-रात का भोजन 6 से 8 बजे के बीच

-रात 10 बजे तक सो जाना

-बाहर से घर आने पर पानी पीना और कपड़े बदलना

यहां से ले सकते हैं जानकारी

-आयुष कवच मोबाइल ऐप

--aayushvani (you tube)

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चाहे फेसबुक हो या वाट्सएप किसी भी सोशल साइट्स पर इम्युनिटी पावर को लेकर मिलने वाला ज्ञान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। किसी भी पोस्ट को पढ़ने या इस्तेमाल करने में कोई मनाही नहीं, मगर उस दवा के प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर्स से कंसल्ट जरुर करें।

डॉ। अजय गुप्ता, जनरल फिजिशियन, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, महाविद्यालय