बनारस में 121 प्रतिष्ठानों पर लगा 38 लाख 50 हजार का जुर्माना, मानक के अनुरूप नहीं बेच रहे थे सामान

स्पेंसर, अमूल और बिग बाजार जैसे नामी ब्रांड के दावों में भी मिली गड़बड़ी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

अगर आप भी रेड बुल एनर्जी बढ़ाने के लिये पीते हैं, तो इस दावे में दम नहीं है। इसका खुलासा बनारस के फूड एंड ड्रग सेफ्टी डिपार्टमेंट ने किया है। कुछ महीने पहले रेड बुल एनर्जी ड्रिंक के सैंपल लिये गए थे। इसे लैब में जांच के लिये भेजा गया। जांच में सामने आया कि रेड बुल में ऐसा कोई कंटेंट नहीं है, जिसके पीने से एनर्जी बढ़ जाए। इस जांच रिपोर्ट को न्यायालय में पेश किया गया, जिस को आधार बनाते हुए कोर्ट ने कंपनी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। रेड बुल जैसे ही 120 और प्रतिष्ठानों पर मानक के अनुरूप सामान न ने देने के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

स्पे‌र्न्स के एप्रीकाट के दावों भी नहीं मिला दम

स्पे‌र्न्स पर 1 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यहां से एप्रीकाट का सैंपल लिया गया था। एप्रीकाट के पैकेट पर जो दावे किये गए थे, वो पूरी तरह सही निकले। एक-दो बिंदुओं पर गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद जुर्माना लगाया गया। वहीं अमूल ने दूध में जितना फैट बताया था, वह भी सही नहीं निकला। फेरिस इंटरनेशनल और मुस्कान इंम्पेक्स के खजूर पैकेट पर उल्लेखित दावों में गड़बड़ी पाई गई।

पांच तरीके के मामले आए हैं सामने

121 प्रतिष्ठानों पर पांच अलग-अलग तरीके की गड़बडि़यां सामने आई हैं। जिसे आधार बनाकर फूड एंड ड्रग सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कार्रवाई की।

1. मिथ्याछाप- इस तरीके की गड़बड़ी 46 प्रतिष्ठानों में मिली। हर पैक आइटम पर कुछ चीजें लिखना अनिवार्य होता है। जैसे यह सामान कब बना, इसमें कौन-कौन से पदार्थ मिलाये गए हैं, इसको खाने से कौन-कौन से सप्लीमेंटस मिलते हैं, यह कब तक खाने योग्य रहता है, इत्यादि। 45 प्रतिष्ठानों से मिले सामानों में किये गए दावों में गड़बड़ी मिली, कुछ तो जानकारी तक नहीं दी गई थी। उन पर मिथ्याछाप के तहत कार्रवाई गई।

2. अधोमानक- इस तरीके की गड़बड़ी 54 प्रतिष्ठानों में मिली। हर खाने-पीने के सामान का स्टैंडर्ड तय होता है। अगर लैब टेस्ट में यह स्टैंडर्ड नहीं मिलता है तब इसके तहत कार्रवाई की जाती है। 54 प्रतिष्ठानों से लिये गए सामान में जो मानक तय थे, वह नहीं मिले। इसी आधार पर इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया।

3. बिना खाद्य पंजीयन- शहर में 11 ऐसे प्रतिष्ठानों पर भी जुर्माना लगाया गया है, जो बिना पंजीयन के ही शहर में चल रहे हैं।

4. वाह्य पदार्थ युक्त- 8 प्रतिष्ठानों पर खाने की चीजें ऐसे भी मिली हैं, जिसमें बाहरी पदार्थ मिलाया गया था। अधिकतर मामले छेने के हैं। छेने में आरारोट मिलाने की पुष्टि होने के बाद इन पर जुर्माना लगाया गया।

5. प्रोवेशन एंड रिक्स्टेक्सन ऑन सेल- कुछ चीजें प्रतिबंधित हैं। जैसे कार्बाइड। करीब दो साल पहले पपीते की दो दुकानों पर यह पाई गई थी। पपीते में भी काबाईड की पुष्टि होने के बाद इन पर जुर्माना लगाया गया।

यह है 12 बड़े जुर्माने वाले प्रतिष्ठान

प्रतिष्ठान जुर्माना

विश्वजीत जायसवाल, रेड बुल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2 लाख

रत्नाकर द्विवेदी, बिग बाजार 1 लाख 10 हजार

विवेक कुमार विनयकांत, स्पे‌र्न्स रिटेल लिमिटेड 1 लाख 60 हजार

इमरान अहमद, फारिस इंटरनेशनल और मुस्कान इम्पेक्स 1 लाख 35 हजार

राकेश कुमार 1 लाख

संदीप सिंह 1 लाख 30 हजार

अमित, बनास कांठा कोप आपरेटिव मिल प्रोडयूसर्स 50 हजार

पंधारी लाल, श्री विनायक गृह उद्योग 60 हजार

भरत लाल 60 हजार

मनोज सिंह 60 हजार

कैलाश नाथ 60 हजार

विकास केशरी, महावीर नमक उद्योग 60 हजार

हमारी टीम हर महीने छापेमारी कार्रवाई करती है। जिसमें मानक के अनुरूप न मिलने वाले सामानों को लैब भेजा जाता है। जिनमें अशुद्धता या गड़बड़ी की पुष्टि होती है, उनकी रिपोर्ट एडीएम कोर्ट पेश की जाती है। ऐसे ही 121 मामलों की रिपोर्ट पर एडीएम कोर्ट से जुर्माना लगाया गया है।

संजय प्रताप सिंह, अभिहित अधिकारी, फूड एंड ड्रग सेफ्टी डिपार्टमेंट