- पीएनबी बैंक मैनेजर की हत्या का सरगना आलोक अरेस्ट

- पुलिस कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

करखियांव स्थित पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर फूलचंद राम की हत्या के सात दिन बाद भी पुलिस के हाथ केवल मास्टरमाइंड और उसके पांच सहयोगी ही लगे हैं। जबकि शूटर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बुधवार को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए मुख्य सरगना सहित पांच लोगों को पत्रकार वार्ता के दौरान पेश किया।

पकड़े गए अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 1 लाख 250 रुपए, 1 स्काíपयो, 1 बाइक, 1 तमंचा और 2 कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस 19 लाख लेकर भागने वाले शूटर और उसके 2 साथियों कुल तीन की तलाश में अभी तक खाक छान रही है। पुलिस की गिरफ्त में आए आलोक राय के अलावा गाजीपुर के मरदह थाना के भीखमपुर निवासी विकास गौड़, दौड़सर के रहने वाले राहुल तिवारी, बरहट निवासी नितेश सिंह और मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना के सरौंदा मिश्रौली गांव निवासी अरुण मिश्रा को जेल भेजा जा चुका है।

आलोक राय ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 9 जून की शाम तैयारी यह थी कि मैनेजर को सूनसान स्थान में ले जाकर पैसा लूट लिया जाएगा। वह जिस स्काíपयो से बैंक से निकले थे उसमें उसके गिरोह के भी लड़के बैठे थे। मैनेजर जब उनके बताए रास्ते पर चलने को तैयार नहीं हुए तो फिर उन्हें गोली मारने के अलावा कोई और रास्ता नहीं सूझा। मैनेजर के पास 2 झोले में रुपए थे, लेकिन जल्दबाजी में शूटर राजू पंडित सिर्फ एक ही झोला लेकर भाग सका और 20 लाख ही हाथ लगे। बाकी मैनेजर की स्काíपयो में ही रह गए थे।

पुलिस से सवाल

पुलिस की पूछताछ में जो कहानी उभर कर आ रही है वो यह है कि केवल शूटरों ने एक लाख रुपए ही दिए बाकी लेकर वो कहां गया, आलोक को नहीं पता। लेकिन इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद केवल एक लाख रूपए ही सरगना को क्यों दिया? पुलिस की यह कहानी लोगों की समझ से परे है। पुलिस के अनुसार पूछताछ में मुख्य सरगना आलोक ने बताया कि लूटी गई रकम में उसे और नितेश को एक लाख मिला था। शेष 19 लाख राजू पंडित लेकर चला गया। राजू के साथ ही वारदात में धीरेंद्र सिंह और सतपाल भी शामिल थे।