वाराणसी (ब्यूरो)जिला प्रशासन व निदेशक के निर्देशों को धता बताकर मानसिक अस्पताल के डॉक्टर और बाबू धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे हैंअस्पताल प्रबंधन की मानें तो बाहर से दवाई न लिखे जाने का सख्त निर्देश सभी चिकित्सकों को दिया गया हैइसके बावजूद अस्पताल में तैनात चिकित्सक मरीजों को बाहर से दवाई लिख रहे हैंगौरतलब है कि बाहर से दवाई नहीं लिखने के लिए दो डाक्टरों को नोटिस तक जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है, बावजूद इसके बाहर की दवाइयां लिखी जा रही हैैं, जबकि निदेशक के मुताबिक बाहर की दवाई लिखने की मरीजों को कोई जरूरत ही नहीं पड़ती है.

बहरे से दवाई ले लिहा

निदेशक व जिला प्रशासन के निर्देशों को धता बताते हुए धड़ल्ले से बाजार की दवाइयां लिखी जा रही हैैंमरीज चंद्रिका पटेल के परिजन ने पर्ची दिखाते हुए बताया कि डॉक्टर साहब हमसे कहलन कि इहां क दवाई खिअईबा त तोहार मरीज कब्बो ठीक ना होईकहलन की गेट के बहरे से दवाई ले लिहा

रसूखदार चिकित्सक के पंजे में अस्पताल

मनोरोगियों का समुचित उपचार कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के उद्देश्य से पांडेयपुर में स्थापित मानसिक चिकित्सालय इन दिनों अपने मूल उद्देश्य से ही भटककर अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया हैअस्पताल में संबंधित दवा की उपलब्धता के बावजूद बाहर की दवा लिखना भी यहां की दिनचर्या में शामिल हैनिदेशक की ओर से बाहर दीवारों से लेकर ओपीडी तक लिखित में यह आदेश चस्पा कर दिया गया है कि बाहर की दवाई मरीजों को न लिखें, इसके बावजूद मनमानी की जा रही है.

हो चुकी है पांच मरीजों की मौत

बता दें कि मानसिक अस्पताल में विगत दिनों हुई पांच मरीजों की मौत व तीन कैदियों के फरार होने की घटना ने अस्पताल की पोल पहले ही खोल कर रख दी हैजिला प्रशासन द्वारा जांच अधिकारी एडीएम प्रोटोकॉल व सीएमओ ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि अस्पताल में मानसिक रूप से बीमार मरीजों के मानवाधिकार का हनन हुआ हैहालांकि अभी जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई है.

डाक्टरों को नोटिस दिया गया हैअगर वे नहीं मान रहे हैैं तो शासन को पत्र लिखूंगीजिलाधिकारी को भी सभी जानकारियां दे रखी है.

डॉलिली श्रीवास्तव, निदेशक, मानसिक अस्पताल