वाराणसी (ब्यूरो)शहर में कितने जिम संचालित होते हैं, इनकी मॉनीटरिंग कौन करेगाइसकी जानकारी किसी को नहीं हैक्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह बताते हैं कि जिम के बारे में मेरे पास कोई जवाब नहीं हैयह मामला तब उठा जब सिद्धगिरी बाग स्थित जिम में मंगलवार को पियरी निवासी दीपक गुप्ता की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गईइस घटना ने शहर में संचालित जिम के सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दियाइसी सवाल को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने गुरुवार को लंका स्थित बॉब जिम और महमूरगंज स्थित प्लेनेट फिटनेस जिम की पड़ताल की तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आईबॉब जिम में ईसीसी की व्यवस्था दिखीप्लेनेट फिटनेस में सर्टिफाइड टे्रनर की मौजूदगी में लोग एक्सरसाइज करते दिखे.

सीन-1 : प्लेटनेट फिटनेस जिम

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम शाम 4.30 बजे प्लेटनेट फिटनेस जिम पहुंची, जहां पर ट्रेड मिल पर कई लड़के रनिंग और लड़कियां साइकिलिंग करती हुई दिखींपास में जिम के मैनेजर शक्ति यादव भी खड़े मिलेजिम में युवक की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक्सरसाइज के चलते यह घटना हुईअभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया हैफिलहाल हमारे जिम में सर्टिफाइड टे्रनर, डाइटिशियन की मौजूदगी में लोगों को एक्सरसाइज कराया जाता हैइसके अलावा सीपीआर ट्रेनिंग भी कराया गया हैसमय-समय पर सभी मेंबर का फिटनेस टेस्ट कराया जाता है.

सीन-2 : बॉब जिम

लंका स्थित बॉब जिम में करीब पांच बजे टीम पहुंची तो वहां पर एडमिशन लेने वाले युवक या युवती का सबसे पहले ईसीसी कराया जाता हैईसीसी में हार्ट की रिपोर्ट अच्छी आने के बाद ही आगे ही प्रक्रिया पूरा की जाती हैयहां भी लड़के और लड़कियां एक्सरसाइज करते हुए मिलेबातचीत में पता चला कि जिम में करीब एक साल पहले से ही ईसीसी की व्यवस्था की गई हैजिम में युवक की मौत की जानकारी होने पर अन्य शाखा में भी शुक्रवार से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगीसर्टिफाइड टे्रनर, डाइटिसियन की मौजूदगी में लोगों को एक्सरसाइज कराया जाता है.

जिम से पहले यह जरूरी

जिम शुरू करने से पहले पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर, एसपीओ-2, ब्लड शुगर और शरीर के अन्य अंगों जैसे सीबीसी, रीनल फंक्शन और लिवर फंक्शन सहित कार्डियक और पल्मोनरी प्रोफाइल टेस्ट कराना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता हैइसके अलावा हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल, थायराइड प्रोफाइल, ईसीजी जैसे ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.

यह जानना है जरूरी

-जिम में प्रॉपर वार्मअप व स्ट्रेचिंग करने के बाद ही ओरल आउट करें.

-अपनी बॉडी टाइप को पहचानने की जरूरत है.

-मैक्सिमम व मिनिमम हार्ट रेट का ख्याल जरूर रखें.

-सर्टिफाइड ट्रेनर व डायटिशियन की सलाह पर वर्कआउट करना चाहिए.

-जिम की इक्विपमेंट मानकों पर होनी चाहिए.

-कूल डाउन अवश्य करें

-ईगो लिफिटिंगन करें

(जैसा टीम इंडिया के बॉडी बिल्डिंग कोच विश्वास राव ने बताया)

जिम जाने से पहले पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल जरूर चेक कर लेना चाहिएइसकी जरूरत तब पड़ती है, जब कोई ज्यादा एक्सरसाइज और ड्रग्स या सप्लीमेंट लेने की योजना बना रहे होंएक्सरसाइज से संबंधित की भी योजना को बनाने से पहले आपको अपनी बॉडी की क्षमता पता होना चाहिएयह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने सप्लीमेंट लेने वाले युवा लड़कों में रीनल डिस्फंक्शन के मामले बहुत देखे हैं.

डाश्याम सुंदर पांडेय, फिजिशियन

अगर किसी व्यक्ति को पीठ में दर्द या रीढ़ से संबंधित कोई समस्या है तो उन्हें स्क्रीनिंग करवानी चाहिएइसके अलावा भी यदि आपकी कोई मेडिकल हिस्ट्री है, तो अपने ट्रेनर से जरूर बताएंवर्कआउट करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है वर्कआउट से पहले और बाद में उसे बॉडी को अच्छ से आराम देनाकिसी भी ट्रेंड को आंख मूंदकर फॉलो करने से बेहतर है आप अपने क्षमता के अनुसार कसरत का चुनाव करें.

शिव मिश्रा, जिम ट्रेनर