-चढ़ गया STF के हत्थे, घटना में इस्तेमाल मोबाइल व सिम बरामद

-भाई के इलाज के लिए मांगी थी एक करोड़ रुपये की रंगदारी

VARANASI : एसटीएफ ने चुरामनपुर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक डॉ। मृणाल सिंह से रंगदारी मांगने व धमकी देने के मामले का खुलासा रविवार को किया। इस मामले में हॉस्पिटल के एक्स स्टाफ चंदन प्रसाद को मोड़ैला तिराहे के पास से अरेस्ट किया गया है। वह मिर्जापुर अहरौरा के रोशनहार गांव का रहने वाला है। उसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल व सिम बरामद किए गए हैं। उसका कहना है कि उसने अपने बीमार भाई के इलाज के लिए रुपये मांगे थे।

नौकरी से किया था बाहर

एसटीएफ के एएसपी दुर्गेश कुमार के अनुसार इंस्पेक्टर शैलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में सुरेंद्र प्रताप सिंह, धनंजय पांडेय की एक जांच टीम बनायी गयी थी। पता चला कि अप्रैल ख्0क्ब् में डॉक्टर के हॉस्पिटल में डेटा आपरेटर की नौकरी करने वाले चंदन प्रसाद को उसकी गलत हरकतों की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया था। इससे वह नाराज था और डॉक्टर से हिसाब चुकता करने के चक्कर में पड़ा था। इसके लिए उसने रंगदारी मांगने का प्लैन बनाया था। एसटीएफ मोबाइल सर्विलांस और मुखबिरों के जरिए चंदन तक पहुंची। वह इस समय लोहता के भिटारी गांव में रह रहा था। एसटीएफ ने उसे लोहता पुलिस के हवाले कर दिया।

हॉस्पिटल को बम से उड़ाने की दी धमकी

पूछताछ में चंदन ने स्वीकार किया कि उसने अपने भाई के इलाज के लिए रंगदारी की मांग की थी। बताया कि भाई नंदन प्रसाद को मिर्गी का दौरा पड़ता है। उसके इलाज के लिए उसे पैसे की जरूरत थी। इसके चलते यह सोचकर कि अस्पताल संचालक काफी पैसे वाले हैं। धमकी देने पर आराम से पैसे दे देंगे व पुलिस से संपर्क भी नहीं करेंगे। उसने डॉ। मृणाल सिंह के मोबाइल फोन पर चार जून को एसएमएस करके एक करोड़ रुपये रंगदारी की मांग की। धमकी दी कि पैसा न देने पर उनके बच्चों को जान से मार दिया जाएगा। हॅास्पिटल को भी बम से उड़ाने की धमकी दी थी। इससे डॉक्टर व उनकी फैमिली सहम गयी थी। डॉक्टर ने पांच जून को लोहता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। साथ ही एसटीएफ के आईजी व एसएसपी से संपर्क किया। जिसके बाद आईजी एसटीएफ सुजीत कुमार पांडेय ने प्रभारी एसएसपी जयप्रकाश को इस मामले का पर्दाफाश करने को कहा था।