खरीदा जाएगा काफी कुछ

सिटी का फायर फाइटिंग सिस्टम को बेहतर करने के लिए शासन की ओर से 4.5 करोड़ रुपये वाराणसी नगर निगम को दिये गए हैं। इन रुपयों से सिस्टम को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी भी नगर निगम को ही मिली है। इस बजट से फायर फाइटिंग व्हीकल समेत तमाम इक्वीपमेंट्स खरीदे जाएंगे जो इमरजेंसी केस में मदद करेंगे। ये शहर के लिए इसलिए भी प्लस होगा क्योंकि अब तक आग के केसेज में सिर्फ फायर डिपार्टमेंट को अकेले और सीमित संसाधनों के बल पर मोर्चा लेना पड़ता रहा है।

आफत बनती जा रही आग

सिटी का डेवलप तेजी से हो रहा है। दस साल के अंदर सिटी की आबादी में दस लाख से अधिक का इजाफा हुआ है। हर महीने नये मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट बने रहे हैं। सिनेमा हॉल की जगह मॉल्स ने ले ली है। बाजार तो इतने बन गए कि पूरी सिटी मार्केट बन गया है। इस पूरे डेवलपमेंट में सिक्योरिटी सिस्टम को लगातार नजरअंदाज किया गया। लोकल एडमिनिस्टे्रशन भी आग से बचाव को लेकर कभी  संजीदा नहीं रहा है। ऐसे में अक्सर आग लगने की घटनाओं में काफी नुकसान होता रहा है।

अब है लिमिटेड रिसोर्स

फायर डिर्पाटमेंट के पास वर्तमान में आठ फायर फाइटिंग व्हीकल्स हैं। इनमें से तीन छोटी हैं। इनका यूज ऐसे प्लेस पर किया जाता है जहां बड़ी व्हीकल नहीं जा सकती हैं। सिटी में लगातर ऊंची हो रही रिहायशी बिल्डिंग्स को देखते हुए एक बेहद एडवांस हाइड्रोलिक व्हीकल भी मंगाया गया है। आग लगने की हालत में इससे दस मंजिल से अधिक ऊंचे अपार्टमेंट में भी मदद पहुंचायी जा सकती है। बेहद भारी-भरकम इस व्हीकल को सिटी के रोड पर चलाना बेहद मुश्किल है। इसके चलते वह ज्यादातर खड़ी ही रहता है।

स्पेशल सूट भी आएंगे

सिटी के फायर फाइटिंग सिस्टम को सुधराने के लिए शासन से मिले रुपये को व्हीकल खरीदा जाना है। पुराने व्हीकल को मरम्मत करायी जाएगी। केमिकल फायर से जूझने के लिए फोम फायर मशीन भी परचेज की जाएगी। इसके साथ ही ऐसी पाइप परचेज करनी जो गलियों में आग बुझाने के दौरान आसानी से काम कर सकें। फायर फाइटर्स को स्पेशल सूट भी एवलेवल कराये जाने हैं। ये सूट हाई टेम्परेचर पर भी फायर फाइटर्स को नुकसान से बचाएंगे।

डिपार्टमेंट बरतेगी सख्ती

आग लगने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर फायर ब्रिगेड काफी गंभीर है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने में कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। इसके चेकिंग भी करायी जा रही है। लॉन में हो रहे वैवाहिक समारोह के दौरान भी परमिशन चेक किया जा रहा है। जिनके पास परमिशन नहीं है या वहां फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है ऐसे लॉन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

गुम हो गए फायर हाइडे्रंट

सिटी की बनावट को देखते हुए दशकों पहले शहर में वाटर सप्लाई लाइन के साथ जगह-जगह फायर हाइडें्रट लगाए गये थे। इनकी संख्या पांच दर्जन से अधिक थी। हाइडे्रंड की सबसे अधिक उपयोगिता गलियों में आग लगने के दौरान होती थी। दमकलों को पानी भरने के लिए दोबारा बेस स्टेशन नहीं जाना पड़ता था। नजदीकी हाइड्रेंट से वो रिफिल हो जाते थे। मगर समय के साथ रख रखाव न होने के कारण ज्यादातर हाइडें्रट्स अब जमींदोज हो चुके हैं। जो मौजूद हैं उनमें से पानी, रेत से पानी निकालने के बराबर है। सिटी में कुछ नलकूप ही मौजूद हैं जो गलियों की आग में मददगार साबित हो सकते हैं। नहीं, जो गलियों में लगने वाली आग का बुझाने में अक्सर फायर डिपार्टमेंट के लोग भी पसीना फेंक देते हैं।

आग से हजारों का नुकसान

भेलूपुर थाना एरिया के रविन्द्रपुरी में रविवार को मकान में आग लगने से हजारों का नुकसान हुआ है। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले आसपास के लोगों ने आग पर काबू पा लिया। रविन्द्रपुरी निवासी शांति लाल श्रीवास्तव की पत्नी सावित्री सुबह किचेन में नाश्ता बना रही थी। इसी दौरान गैस रिसाव से आग लग गयी। देखते-देखते आग किचेन से निकलकर पास से कमरे तक पहुंच गयी। रजाई-गद्दे इसकी चपेट में आ गए। शोर-शराबा सुनकर पहुंचे आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाया। सावित्री मामूली रूप से झुलस गयी है। रविन्द्रपुरी की घटना एक बानगी है। हर साल अपनी सिटी में आग की वजह से करोड़ों का लॉस होता है और अक्सर जान भी जाती है। उम्मीद है कि नये बजट से कुछ बदलाव आएगा। आग लगने की घटनाएं कम करना मुश्किल है मगर शायद नुकसान को कम किया जा सकेगा।

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सिटी का फायर सिस्टम स्ट्रांग करने के शासन गंभीर है। इसके लिए जो भी पॉसिबल होगा किया जाएगा। अभी वर्क प्लैन तैयार किया जा रहा है। इसके बाद हम चरणबद्ध ढंग से काम करेंगे।

आरपी सिंह, नगर आयुक्त