वाराणसी (ब्यूरो)शहर के व्यस्त इलाकों में शामिल लक्सा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला औरंगाबाद पुलिस चौकी परिसर में स्थित एक विशालकाय पीपल का वृक्ष लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ हैइस पूरे मामले को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 29 जुलाई को प्रमुखता के साथ उठाया थाइसके बाद शनिवार यानी 6 अगस्त को वन विभाग की ओर से एक पत्र जारी कर पेड़ की छटाई करने के आदेश को जारी कर दिया गया है.

बता दें कि लक्सा स्थित औरंगाबाद चौकी के भीतर एक विशाल वृक्ष है जो पिछले साल झुक गया थापेड़ की छटाई के लिए पिछले एक साल से वन विभाग को बताया जा रहा था, लेकिन विभाग की ओर से ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा थावन विभाग की ओर से लगातार यह तर्क दिया जा रहा था कि पेड़ औरंगाबाद चौकी में है और चौकी से जब तक पत्र नहीं मिलता तब तक इसकी छटाई वन विभाग नहीं कर सकता हैजब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से 6 अगस्त को दोपहर 11 बजे पूछा गया कि क्या छटाई की कार्रवाई हो गई तो बताया गया कि औरंगाबाद चौकी से पत्र नहीं मिलाजबकि चौकी से खबर छपने के बाद ही 29 जुलाई को पत्र जारी कर दिया गया था.

हो सकता है कभी भी बड़ा हादसा

पार्षद लकी वर्मा की ओर से इसकी शिकायत जब नगर निगम में किया गया तो निगम की ओर से पेड़ की छटाई तो कराई गई, लेकिन पेड़ की ऊंचाई देखने के बाद सूचना वन विभाग को दी गई थी और बताया गया था कि पेड़ का नहीं काटा जाना कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता हैलोगों के मुताबिक नगर निगम की ओर से संज्ञान तो लिया गया है, लेकिन वन विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण वृक्ष को अब तक नहीं हटाया गया हैअब स्थिति ऐसी बन चुकी है कि पेड़ एक तरफ से पूरी तरह झुक चुका है, जो कभी भी गिर सकता है.

मकान हो गए थे क्षतिग्रस्त

स्थानीय लोगों के मुताबिक पेड़ पिछले वर्ष एक तरफ से पूरी तरफ झुक गया हैपेड़ के झुकने से कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए थेस्थिति यह है कि यह पेड़ कभी भी गिर सकता है, लेकिन बावजूद इसके वन विभाग पेड़ को कटवाने में ढुलमुल रवैया अपना रहा हैयह पेड़ कभी भी गिर सकता है और अगर ऐसा हुआ तो तत्काल 30 से 35 लोगों को शारीरिक नुकसान पहुंचेगालोगों ने बताया कि दशाश्वमेध जोन के अंतर्गत यह वृक्ष आता है

वन विभाग को वृक्ष की छटाई के लिए पहले पत्र नहीं मिला थाचौकी से पत्र मिलने के बाद हमने विभाग की ओर से पत्र जारी कर दिया हैजल्द ही छटाई का काम हो जाएगा.

संजय शर्मा, डीएफओ

नगर निगम की उद्यान टीम अपने संसाधनों के साथ मौजूद रहेगी, लेकिन वृक्ष बहुत ही विशालकाय हैइसलिए वन विभाग की टेक्निकल टीम का होना आवश्यक हैबिना वन विभाग के सहयोग से वृक्ष को काटना संभव नहीं है.

प्रमिता सिंह, सहायक नगर आयुक्त, दशाश्वमेध जोन

वन विभाग को पहले ही पत्र जारी कर दिया गया था, लेकिन उनकी तरफ से पत्र नहीं मिलने का बहाना जो बनाया गया, वो सरासर गलत हैमैंने खुद भी विभाग को चौकी से लेकर पत्र भेजा थापेड़ की छटाई होना अतिआवश्यक है.

लकी वर्मा, पार्षद