वाराणसी (ब्यूरो)हड़ताल के चलते बेपटरी हुई बिजली सप्लाई ने सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैआम या खास, इस समय बिजली-पानी संकट को लेकर फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम समेत सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर लगातार पोस्ट कर रहे हैंसुबह से लेकर रात तक फलां इलाके में लाइट नहीं है तो फलां इलाके में बिजली आ गई हैकई लोगों ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की जमकर मुखालफत की हैविपक्ष के लोगों ने प्रशासन के साथ सरकार की व्यवस्था पर सवालों की झड़ी लगा दी है.

पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के काल भैरव मंदिर की बिजली गुल हैश्रद्धालु सुबह से ही अंधेरे में बिना बिजली के दर्शन पूजन कर रहे हैंदूसरी तरफ प्रदेश के मुखिया विकास कार्यों की समीक्षा में व्यस्त है.

अजय राय

पूरा शहर ब्लैकआउट हैबच्चे बिलबिला रहे हैंपीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हैलोग समझ नहीं पा रहे हैं कि हो क्या रहा हैकोई जवाब देने वाला नहीं हैजितने नंबर जारी किए गए हैंसभी नंबर सिर्फ अपनी नौकरी बचाने को दिखाने के लिए जारी किए गए.

संतोष अग्रहरी

पिछले दो दिन से बनारस अंधेरे में डुबा हैऐसी स्थिति में जनता किस पर भरोसा करेंइतने फोन आ रहे हैं कि जैसे कोरोना का दौर लौट आया हैहर कोई फोन करके पूछ रहा है कि बिजली कब आएगी

सोनी अग्रवाल

दो दिन से रिश्तेदार-नातेदार एक-दूसरे की खैरियत नहीं पूछ रहे हैंसिर्फ एक ही बात हो रही है कि आपके यहां लाइट है या नहींहम लोगों के पास कुछ जवाब नहीं हैचौक क्षेत्र में 29 घंटों से लाइट नहीं हैमंडुवाडीह, महमूरगंज, क्षेत्र में सुबह से बिजली नहीं है

रागिनी यादव

सरकार की 6 साल की मेहनत अंधेरे में गुम हो गई हैबनारस का विकास भी अंधेरे में नहीं दिख रहा हैऐसी स्थिति में अगर कभी रोपवे फंस गया तो क्या होगा सोचो.

हिमांशु प्रजापति

प्रशासन की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके पब्लिक परेशान हो गई हैलाइट जल्द आने का आश्वासन मिल रहा है, लेकिन 20 घंटे बाद भी लाइट नहीं आ रही हैऐसी स्थिति सिर्फ ईश्वर का सहारा है

रोहित गुप्ता