वाराणसी (ब्यूरो)। डिजिट की मदद से आम आदमी भी आसानी से मकान तलाश कर सकेगा। कोई भी संपत्ति हाउस टैक्स से छूट नहीं पाएगी। डिजिट में जिला, मोहल्ला, गली और घर का नंबर रहेगा। डिजिट की मदद से पता चल जाएगा कि मकान किस जनपद के कौन से मोहल्ले और गली में है।

मकान खोजने में होगी आसानी
शहर के सभी मकानों का 17 डिजिट का यूनिक आईडी नंबर जारी होगा। इसके बाद सबसे ज्यादा बाहर से आने वाले लोगों को मकान तलाश करने में आसानी रहेगी। अभी तक लोगों को मकान तलाश करने के लिए भटकना पड़ता है, लेकिन अगले साल यह समस्या खत्म हो जाएगी। निगम क तरफ से जियोग्राफिक सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा। पीके द्विवेदी ने बताया कि शहर के सभी 90 वार्डों में जियोग्राफिक सर्वे पूरा हो गया है। बाकी काम भी जल्द ही कम्प्लीट कर लिया जाएगा। जनवरी में सर्वे कर रही कम्पनी और नगर निगम की टीम संयुक्त रूप से सर्वे करेगी।

संपत्ति हाउस टैक्स लेने में सुविधा
शहर में अभी 2 लाख से अधिक कर दाता हैं। 90 वार्डों में सर्वे के दौरान पता चला कि 60 हजार से ज्यादा मकान हाउस टैक्स से छूटे हैं। मकानों में दुकानें चल रही हैं जिनसे टैक्स वसूली नहीं हो रही है। इससे निगम के राजस्व को नुकसान हो रहा है। यूनिक नंबर जारी होने के बाद कोई भी संपित्त टैक्स लगने से नहीं छूट पाएगी। यूनिक आईडी कोड में रिहाइशी और मिक्स प्रॉपर्टी लिए अलग कोड होंगे। यही नहीं आवासीय और गैर आवासीय संपत्ति को अलग से पहचान दी जाएगी। सर्वे में अभी एक लाख से ज्यादा उन मकानों की पहचान हो गई जो हाउस टैक्स से छूटे हुए हैं। यह आंकड़ा बढ़कर डेढ़ लाख के आसपास होने की उम्मीद है।

इस तरह नंबर से मदद मिलेगी
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि 17 डिजिट के कोड में पहले तीन अंक राज्य के होंगे। यानी की पहले तीन नंबर से पता चल जाएगा कि फलां मकान कौन से प्रदेश में है। तीसरे और चौथे अंक से जनपद की पहचान होगी। पांचवां और छठा नंबर नगर निगम के होंगे। इसके साथ सातवां और आठवां अंक निगम जोन का होगा। इसके बाद वार्ड या मोहल्ला और कॉलोनी का नंबर होगा।


सभी वार्डों में जियोग्राफिक सर्वे पूरा हो गया है। शेष काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शहर के हर मकान पर 17 डिजिट के यूनिक आईडी नंबर का बोर्ड लगाया जाएगा। इससे प्रत्येक मकान का रिकार्ड निगम के पास होगा।
-पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी