वाराणसी (ब्यूरो)प्रदेश सरकार विश्व के पर्यटन के मानचित्र पर काशी के नक्शे को तेजी से उभार रही हैहवाई और सड़क परिवहन के बाद पर्यटक अब नदियों के रास्ते काशी आना चाहते हंै, जिससे वह भारत का प्राकृतिक सौंदर्य देख सकेंक्रूज 32 स्विस नागरिकों को लेकर नए साल में वाराणसी पहुंचेगागुरुवार (22 दिसंबर) को गंगा विलास कोलकाता से रवाना हुआ हैयह 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगीयहां से 13 जनवरी को यह यात्रा काशी से डिब्रूगढ़ तक जाएगीसीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की सबसे लंबी रिवर यात्रा (गंगा विलास क्रूज) के टाइम टेबल का वाराणसी में विमोचन किया था.

चुनार का भी करेंगे भ्रमण

काशी की धरती विकास के रोज नए आयाम लिख रही हैसीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी के पर्यटन को नई ऊंचाई देने में लगे हैंयोगी आदित्यनाथ ने जिस टाइम टेबल का विमोचन किया थावह गंगा विलास क्रूज कोलकाता से 32 स्विस नागरिकों को लेकर वाराणसी आ रही हैयह 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगीगंगा विलास क्रूज के निदेशक राज सिंह ने बताया कि 32 स्विस मेहमान वाराणसी में धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे तो यहां की संस्कृति से भी अवगत होंगेयहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखेंगेसाथ ही चुनार का भी भ्रमण करेंगे

सीएम ने किया था टाइम टेबल का विमोचन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 नवंबर को टाइम टेबल का विमोचन किया थागंगा विलास क्रूज के निदेशक ने बताया कि 32 स्विस मेहमान काशी और चुनार का भ्रमण करने के बाद इसी गंगा विलास क्रूज से देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा पर निकल जाएंगेभारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी रिवर क्रूज यात्रा वाराणसी से 13 जनवरी 2023 को निकलेगीक्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवरशिप है, जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी.

3200 किलोमीटर की होगी यात्रा

ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी। 50 दिन का यह सफर भारत व बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगायह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगीयह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैंयात्रा में उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की भी सुविधाएं होंगीगंगा विलास क्रूज आधुनिक सुविधा से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित होगा.