वाराणसी (ब्यूरो)गंगा में उफान ने रफ्तार पकड़ी तो वरुणा नदी ने आसपास की बस्तियों में दस्तक दे दी हैनदी में जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ रहा है तो उसी रफ्तार से लोगों की मुश्किलें भी बढऩी शुरू हो गई हैडूब क्षेत्र के साथ वरुणा के तटवर्ती पुराना पुल, सरैया, चौकाघाट आदि इलाकों में परिवारों के पलायन का सिलसिला जारी हो गया हैसाथ ही लोग सामान भी समेटने लग गए हैंसोमवार रात 10 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़कर 68.22 मीटर पर आ गया हैकेंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी का लेवल बढ़ रहा हैयही स्थिति रही तो दो या तीन दिन में गंगा का पानी खतरे के निशान तक पहुंच जाएगाबाढ़ के चलते सभी 84 घाटों का आपस में संपर्क टूट गया है

घाटों का संपर्क पूरी तरह कटा

गंगा नदी में जलस्तर बढऩे का सिलसिला थम नहीं रहा हैपानी बढऩे से सभी 84 घाटों का संपर्क एक-दूसरे से पूरी तरह से कट गया हैपिछले तीन दिन से गंगा में बढ़ाव शुरू हुआ हैरविवार को 10 सेमी प्रति घंटे की दर से बढऩे वाली गंगा में सोमवार को अचानक गिरावट दर्ज की गईसोमवार को सुबह से रात तक 3 या दो सेंटीमीटर प्रति घंटे से रफ्तार रहीविगत 24 घंटे के दौरान जलस्तर में 60 सेमी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई हैइससे गंगा के तटवर्ती इलाकों के लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं.

गंगा का तेज वेग

केंद्रीय जल मुताबिक सोमवार रात 10 बजे जलस्तर 68.22 मीटर पर पहुंच गयागंगा में बाढ़ का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर हैगंगा के घाटों से अथाह जलराशि एकबारगी सिहरन पैदा कर रही हैगंगा का तेज वेग निहारने के लिए सुबह से शाम तक काफी संख्या में लोग अस्सी और खिड़किया जैसे ऊंचाई वाले घाटों पर पहुंचेहालांकि पुलिस ने उन्हें एकदम किनारे नहीं जाने दियापहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के दबाव में आईं गंगा की धारा के साथ जलकुंभी भी विभिन्न घाटों पर आ पहुंची हैदशाश्वमेध घाट पर तैनात जल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई हैउधर, वरुणा के तटवर्ती पुराना पुल, सरैया, कज्जाकपुरा, विजयीपुरा, चौकाघाट, नदेसर आदि इलाकों में बसे लोग सामान समेटने में लग गए हैं.

एक बार फिर वरुणा का पानी डराने लगा हैपिछली बार की बर्बादी को देखते हुए इस बार पहले से ही तैयारी शुरू कर दी हैसामान को समेटना शुरू कर दिया है.

अर्जुन मौर्या

वरुणा का पानी बस्तियों में आने लगा हैहालांकि अभी स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन यही स्थिति रही तो दो-चार दिन में पयालन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

शंकर राजभर

गंगा में उफान के बाद वरुणा में पलटवार होता हैबस्तियों में पानी घुसने लगा हैअभी नदी के पास बने मकानों में पानी आया हैस्थिति गंभीर हुई तो शिविर में शरण लेना होगा.

भीम सोनकर

बाढ़ की स्थिति दिन ब दिन गंभीर हो रही हैपानी तेजी के साथ घरों की ओर आ रहा हैजिस पर नजर हैअचानक रात में पानी बढ़ा तो सामान बचाना मुश्किल होगा.

देवा सिंह

गंगा व वरुणा किनारे हर साल बाढ़ का पानी तबाही मचाता है, लेकिन प्रशासन की ओर से बाढ़ को लेकर कोई विशेष तैयारी नहीं की जाती हैबाढ़ से काफी नुकसान होता है

गोविंदा कुमार