वाराणसी (ब्यूरो)। हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा पेशेंट को बेहतर सुविधा देने के नाम पर आए दिन जांच और पर्ची के शुल्क में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जाती रही है। लेकिन लाभ जैसी कोई चीज मिल नहीं रही। दैनिक जागरण आईनेक्सट की टीम ने शुक्रवार को बीएचयू रेडियोलॉजी विभाग में पेशेंट की एमआरआई जांच के लिए मिलने वाली डेट, चार्ज और सेटिंग की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

कब तक करेंगे इंतजार
बीएचयू के रेडियोलॉजी विभाग में जिन पेशेंट को दो माह पहले पर्ची जमा करने पर इन दिनों की डेट मिली थी। इनका एमआरआई किया जा रहा था, लेकिन अब जो डेट दी जा रही थी, इसमें चार से पांच महीने का समय लिया जा रहा था। जबकि हॉस्पिटल में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर जांच आदि के चार्ज में बढ़ोतरी की जाती रही है। जब पेशेंट को लंबे अवधि तक इंतजार ही करना पड़ेगा तो ऐसी सुविधाओं का क्या फायदा।

दूर से आए हैं फिर आना पड़ेगा
करीब दो महीने पहले बेतिया (बिहार) से आए पेशेंट के एमआरआई की डेट थी। एमआरआई हो गई और रिपोर्ट के लिए शाम को बुलाया गया। जल्दबाजी में रिर्पोट मिस हो गई। उन्हें दो दिन इंतजार को कहा गया। इतना ही नहीं यूपी और बिहार के कई जनपदों से एमआरआई कराने आए लोगों को पहले एमआरआई की पर्ची के बाद डेट और लंबी अवधि तक इंतजार करना किसी त्रासदी से कम नहीं लग रहा है। पर्ची जमा करने, डेट लेने और फिर एमआरआई की जांच रिर्पोट लेने के लिए बीएचयू हॉस्पिटल का कई चक्कर काटना पड़ता है।

सेटिंग वालों से परेशान आम पब्लिक
एमआरआई कराने कराने आए कई पेशेंट ने बताया कि वे सुबह से आए हैैं। उनका नंबर तीसरा-चौथा था, लेकिन जान-पहचान के पेशेंट आने से दोपहर के दो बज गए। उनका काफी देर बाद नंबर नहीं आ सका। इन ऐसे में उन पेशेंट को अधिक परेशानी होती है, जिनको दूर जनपद या अन्य स्टेट को ट्रेन या बस से जाना पड़ता है।

आखिर कब स्मार्ट होगी व्यवस्था
एक ओर देश तेजी से डेवलपमेंट कर रहा है। बनारस स्मार्ट हो रहा है। जांच और पर्ची के शुल्क को बढ़ाकर हॉस्पिटल की सुविधाएं भी स्मार्ट की जा रही हैैं। लेकिन इन सुविधाओं का लाभ आम पेशेंट को मिलता नहीं दिख रहा है। लोग बताते हैैं कि चार-पांच साल पहले भी एमआरआई जांच के लिए पब्लिक को दो-तीन महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। आज भी चार से पांच महीने इंतजार करना पड़ रहा है। आखिर हॉस्पिटल का विकास जा कहा रहा है।

दलाल भी हैैं सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक रेडियोलॉजी विभाग में तत्काल एमआरआई के लिए दलाल 800 से एक हजार रुपए बड़ी चालाकी से वसूलते हैैं। जिनको चार से पांच महीने बाद जांच के लिए बुलाया गया हो, उनसे हास्पिटल के कुछ स्टाफ और आसपास का बाहरी दलाल अपनी सेटिंग के बदौलत रुपए ले-देकर दो से तीन दिन में एमआरआई करा देते हैैं। ऐसी बातों की चर्चा हॉस्पिटल के गलियारों में आम है।

मैैंने शुक्रवार को एमआरआई के लिए पर्ची जमा की है। मुझे अगले वर्ष 06 मई को जांच के लिए बुलाया गया है। मेरे हेल्थ की कंडीशन बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन विवशता है इंतजार करेंगे।
राकेश, बलिया

अपने बच्चे का 29 सितंबर को पर्ची जमा किया था तो 24 दिसंबर 2021 की डेट मिली थी। बेटे की एमआरआई हो गई है। लेकिन इसके लिए मुझे और बच्चे के बारिश और सर्दी में काफी भाग दौड़ करनी पड़ी। अब व्यवस्था को बदला जाना चाहिए।
मनोज महतो, बेतिया (बिहार)

मेरे पीताजी का सुबह में एमआरआई जांच के लिए चौथा नंबर था। सेटिंग से आने वाले लोगों के चलते दिन के दो बज गए। 3.50 पर गांव जाने की बस थी। इन बातों को भी समझना चाहिए।
ब्रजेश कुमार, गाजीपुर

काफी इंतजार के बाद एमआरआई तो हो गई है। लेकिन गंभीर पेशेंट को इतना इंतजार उनके जान से खिलवाड़ होगा। देश बदल रहे तो बीएचयू हॉस्पिटल क्यों नहीं बदल रहा है।
अमरनाथ, बक्सर