-कैंट स्टेशन पर महिला सुविधा का बुरा हाल

कैंट रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स अमेनटीज के लिए रेलवे करोड़ों रुपये हर साल खर्च कर रहा है, लेकिन आलम यह है कि महिलाओं के लिए यहां उपलब्ध सुविधाएं जमीन पर दिखायी नहीं दे रही हैं। यूं कहें तो सिर्फ कागज पर सुविधाएं दी जा रही हैं। उनके बैठने की जगह से लेकर टॉयलेट तक का बुरा हाल है। कमोवेश यही हाल अन्य सुविधाओं का भी है। जिनकी कमी के चलते उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है, या सुविधा के लिए वो कोसती हुईं अपने गंतव्य को रवाना हो जाती हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने सोमवार को स्टेशन पर महिला सुविधा का पड़ताल किया। जिसमें सुविधाओं का खुलासा हो गया।

सीन-1

स्टेशन पहुंची टीम महिलाओं के लिए वेटिंग हॉल का पता पूछा तो बताया गया कि इस तरह का कोई हॉल नहीं है। रिपोर्टर ने पूछा कि महिलाएं कहां बैठती हैं तो जवाब मिला कि प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित रिटायरिंग रूम के बगल में कामन वेटिंग हॉल में ही पुरुषों के साथ बैठती हैं। टीम जब वहां पहुंची तो वहां महिलाएं पुरुषों के बीच बैठने को मजबूर दिखीं। यहां कुछ महिलाएं फर्श पर भी बैठी मिलीं।

सीन-2

आगे बढ़ी टीम स्टेशन पर ब्रेस्ट फीडिंग बूथ का जायजा लेने पहुंची। टीम को यहां सिर्फ एक फीडिंग बूथ स्लीपर वेटिंग हॉल में मिला, जो अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहा था। उसमें बैठकर बच्चों को दूध पिलाने की बजाए महिलाएं बाहर ही अपने बच्चे को दूध पिलाना मुनासिब समझती हैं। इसी से सटे एसी वेटिंग हॉल में तो फीडिंग बूथ नाम का कोई स्थान नहीं था। जिससे महिलाओं को पुरुषों के बीच ही अपने बच्चों को दूध पिलाने की मजबूरी है। यह तो वेटिंग हॉल में बैठने वाली महिलाओं की व्यथा है बाकि स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म या मेन हॉल पर अपनी ट्रेन का इंतजार करने वाली महिलाओं के लिए तो इस तरह की कोई सुविधा नहीं दिखी।

सीन-3

लखनऊ डिवीजन के सबसे बड़े स्टेशन में शुमार कैंट स्टेशन पर महिलाओं के लिए मिलने वाली सुविधा देखने पहुंची टीम को यहां एक अदद टॉयलेट मिला। वह भी प्लेटफॉर्म नंबर एक पर। यह सुविधा पैसा देने पर ही उपलब्ध होगी। जबकि अन्य प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के लिए टॉयलेट है सिर्फ नाम का। उनमें गंदगी ऐसी की कोई जाना चाहे तो भी न जाए। यही वजह है कि महिलाएं प्लेटफॉर्म नंबर एक तक आती हैं। यह तब होता है जब ट्रेन लेट में आने वाली होती है।

सीन-4

स्टेशन पर महिलाओं की सुरक्षा का हाल कुछ पटरी पर दिखा। टीम प्लेटफॉर्म नंबर दो पर खड़ी दानापुर एक्सप्रेस के आसपास महिलाओं की सुरक्षा जांचने पहुंची तो देखा कि आरपीएफ की दो महिला जवान कोच में मेरी सहेली के तहत जांच पड़ताल कर रही थीं। कोच में टीम भी पहुंच गयी। यहां देखा कि जिन सीट पर महिला अकेले यात्रा कर रही थी उनकी सारा डिटेल एसआई स्नेह निधि व कांस्टेबल पूजा नोट कर रही थीं। उनको हेल्पलाइन का नंबर सहित अगले स्टेशन पर मिलने वाली टीम के बारे में भी जानकारी दे रही थीं।

एक रूम में सिमट गया वेटिंग हॉल

प्लेटफॉर्म नंबर एक पर दो साल पहले महिलाओं के लिए बकायदा वेटिंग हॉल बनाया गया था। जिसे तोड़कर नयी बिल्डिंग बना दी गयी। इसमें महिलाओं के लिए अलग से वेटिंग हॉल का भी प्रस्ताव है। लेकिन अभी तक महिलाएं प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित रिटायरिंग रूम के बगल में कामन वेटिंग हॉल में पुरुषों के साथ ही बैठती हैं। कई बार सीट खाली न रहने पर उन्हें फर्श पर भी बैठना पड़ता है। लेकिन अभी तक नये बिल्डिंग में महिला वेटिंग हॉल को शिफ्ट नहीं किया गया है।

दिखावा बनकर रह गया बूथ

छोटे बच्चों संग ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं के लिए रेलवे ने प्रत्येक स्टेशन पर फीडिंग बूथ बनाने का निर्देश दिया था। जिसके तहत आनन फानन में कैंट स्टेशन पर भी बे्रस्ट फीडिंग बूथ बना दिया गया। यहां सिर्फ एक बूथ स्लीपर वेटिंग हॉल में बनाया गया है। जबकि स्टेशन पर नौ प्लेटफॉर्म हैं। अंतिम प्लेटफॉर्म पर अपने ट्रेन का इंतजार कर रही महिला किस तरह अपने बच्चे को दूध पिलाएगी यह बताने की जरूरत नहीं है। यही नहीं फ‌र्स्ट क्लास वेटिंग हॉल में तो फीडिंग बूथ बनाया ही नहीं गया है। जिससे यहां बैठकर अपने ट्रेन का इंतजार कर रही महिलाओं को बच्चों को दूध पिलाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है।

मेरी सहेली है सजग

अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे की ओर से एक साल पहले मेरी सहेली कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। जो अनवरत जारी है। कैंट स्टेशन पर इसको लेकर आरपीएफ के जवान सीरियस हैं। इसके लिए तीन शिफ्ट में डेली ड्यूटी लगती है। जिसमें एक एसआई के अलावा एक या दो कांस्टेबल होता है। जिसमें महिला जवान भी होती है। जो कैंट स्टेशन से ओरिजिनेट होने वाली ट्रेन में सफर कर रही महिलाओं का डिटेल अपने रिकार्ड में दर्ज करती हैं। साथ ही उन्हें हेल्पलाइन नंबर सहित सुरक्षा के उपाय भी बताती हैं।

वर्जन----

नयी बिल्डिंग मिलते ही महिलाओं के लिए एसी वेटिंग हॉल, ब्रेस्ट फीडिंग बूथ, अत्याधुनिक टॉयलेट सहित कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। वहीं अन्य प्लेटफॉर्म पर भी सुविधाएं मिलने लगेंगी।

-आनंद मोहन सिंह, डायरेक्टर

कैट स्टेशन