-डिजिटल इंडिया के तहत ई-मार्केटिंग से जुड़ेंगी 4000 महिलाएं, बनारस का हस्तशिल्प होगा डिजीटल,

-हुनर-ए-बनारस बनाएगा पहले हुनरमंद फिर मुहैया कराएगा मार्केट, -केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद करेंगे योजना का शुभारंभ

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

बनारस की 4000 हुनरमंद महिलाएं ई-मार्केटिंग के जरिये इंटरनेशनल मार्केट से जुड़ेंगी। डिजिटल इंडिया के तहत पहले उन्हें ट्रेनिंग देकर हुनरमंद बनाया जाएगा और फिर उनकी आमदनी के लिए एक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ काशी की कला पूरे विश्व में पहचानी जाएगी बल्कि महिलाएं सेल्फ डिपेंड बनेंगी। इसके लिए हुनर-ए-बनारस नाम से एक पोर्टल बनाया जा रहा है। इसका शुभारंभ अगस्त माह में केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद करेंगे। जुलाई माह में मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी भी निरीक्षण करने बनारस आ रहे हैं।

मिलेगी फ्री ट्रेनिंग

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत बनारस में महिला सशक्तिकरण एवं समन्वित विकास कार्यक्रम पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की विशेष नजर है। गरीब, अनपढ़ और टैलेंटेड बेटियों के सपने को नई उड़ान देने के लिए आईसीटी आधारित साई इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट सेंटर पर ट्रेनिंग दी जा रही है। फ‌र्स्ट फेज में करीब 2500 बेटियां सीख चुकी हैं। सेकेंड फेज में करीब चार हजार महिलाओं को ट्रेनिंग देने के बाद इनके लिए रोजगार और बाजार मुहैया कराने का प्रयास है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। डिजिटल इंडिया के सीईओ डॉ। दिनेश त्यागी भी इसका निरीक्षण कर चुके हैं।

डिजिटल होगा हस्तशिल्प

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि बनारस की हस्तशिल्प कला बहुत फेमस है। कंप्यूटर के युग में उसे डिजिटल बनाने की कोशिश की जा रही है। आईटी मंत्रालय की ओर से आए साफ्टवेयर चिक कैड के जरिये महिलाएं कंप्यूटर पर डिजाइन करती हैं, जिसे साड़ी या किसी भी कपड़े, कागज पर उतारा जा सकता है। इसके अलावा हैंडीक्राफ्ट, जरी दर्ज के बारे में भी सिखाया जा रहा है।

रखेंगी लेखा-जोखा

गरीब, अनपढ़ महिलाओं को हुनरमंद बनाने के बाद ई-मार्केटिंग से जोड़ा जाएगा। इन महिलाओं को एकाउंट न आने के बावजूद वे लेखा-जोखा रख सकेंगी। आईटी मंत्रालय ने इसके लिए ई-गल्ला साफ्टवेयर बनाया है। इसके जरिये महिलाएं मोबाइल पर भी लेखा-जोखा रख सकेंगी। साथ ही बिचौलिये इनके सीधेपन का फायदा न उठा सके, इसके लिए आधार से लिंकअप कर उनकी आमदनी को सीधे बैंक खाता में भेजा जाएगा।

वर्जन-

हुनर-ए-बनारस के तहत दो साल में करीब 4000 महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें हुनरमंद बनाना है। साथ ही पहली बार इन हुनरमंद के लिए ई-बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां वे सीधे अपनी मेहनत का फल पा सकें। इसके लिए मंत्रालय से परमीशन मिल गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद इसका शुभारंभ करेंगे।

सपना सिन्हा, डायरेक्टर हुनर-ए-बनारस

इनकी होगी ट्रेनिंग

-सेरेमिक आर्ट

-पेपर क्राफ्ट

-हैंड मेड बैग

-इको फ्रेंडली फाइल व फोल्डर

-वॉल हैंगिंग

-टेक्सटाइल्स डिजाइनिंग

-फैशन डिजाइनिंग