- स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में युवाओं ने कई टास्क को अपने टेक्नीक से किया सॉल्व

- पांच अगस्त को होगी हैकाथॉन विजेताओं के नामों की घोषणा

-बीएचयू में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-2020 में रविवार को युवाओं ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के दिये आठ प्रॉब्लम अपने-अपने विचारों व तकनीकी कुशलता के साथ सॉल्व किया। हैकाथॉन के दूसरे दिन यह ऑनलाइन मैराथन दो फेज में पूरा हुआ, जिसमें पहला मेंटर और दूसरा मूल्यांकन का था।

ज्यूरी ने की तारीफ

इस दौरान मेंटर लेवल में 39 टीमों के युवाओं का दल विशेषज्ञों से निरंतर जुड़कर सुझाव लेता रहा। जबकि वहीं मूल्यांकन के दौर में सभी 39 टीमों के कार्यो का परीक्षण किया गया। इस दौरान ज्यूरी ने एके-9 टीम के आदित्य मानकर के प्रोजेक्ट सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना भी की। इस मौके पर आदित्य मानकर ने बताया कि उन्होंने एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित किया है। जिसके माध्यम से एक लापता विमान के अंतिम व्यक्ति के लोकेशन का भी पता लगाया जा सकेगा। आदित्य ने बताया कि इस वेबसाइट पर विभिन्न तरीके के ग्लोबल मैप हैं। जिसमें खतरनाक समुद्री धाराओं और हवाओं के बहाव के लाइव आंकड़े का पता चलता है। इसके अलावा आदित्य ने बताया कि हवा की रुख और समुद्री धाराओं के विधिवत अध्ययन के बाद पानी में गिरा विमान कितनी दूर तक जा सकता है, और यदि विमान किसी स्थलीय या दुर्गम क्षेत्र में होता है तो उसके क्रैश लोकेशन को पहले ही पता किया जा सकता है।

-36 घंटे तक चली प्रक्रिया-

-एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा दिये गए आठ समस्याओं के हल को 39 टीमों के हजारों छात्रों ने पूरे 36 घंटे के दौरान निकाला। अब इसका फाइनल राउंड सोमवार को होगा। इसके साथ मंगलवार तक युवाओं की इन 39 टीमों द्वारा तैयार प्रोटोटाइप सिस्टम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में जमा भी कर दिए जाएंगे। आगामी पांच अगस्त को इसका रिजल्द घोषित हो जाएगा ।

इन प्रॉब्लम पर हुआ काम

-एक हवाई अड्डे के मैप की डाटाबेस आधारित रेटिंग का कार्य, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिले।

-एक वेब बेस्ड साफ्टवेयर विकसित करना है, जिसके माध्यम से कम्युनिकेशन, नेविगेशन व सíवलांस और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट तैयार करना, जिसके रखरखाव की अवधि दिवस, साप्ताहिक, छमाही और वाíषक होगी।

-क्यूआर कोड एप्लिकेशन के माध्यम से मोबाइल आधारित इन्वेंटरी सिस्टम का निर्माण।

-इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से हवाई अड्डे की सुविधाओं और उपयोगिताओं के आंकड़ों का एयरपोर्ट डैशबोर्ड पर विजुअल प्रदर्शन।

-इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उपयोग करके एक मोबाइल आधारित डुअल टाइम मैनेजमेंट सिस्टम बनाना है।

-ब्लॉक चेन तकनीक के माध्यम से एयरपोर्ट का एक नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करना ।

-आíटफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लìनग का उपयोग करके मोबाइल एप्लिकेशन आधारित सिस्टम ।

इस तरह हो रहा ऑनलाइन मंथन

टीम एके-11 समूह की जिम्मेदारी देख रहे बीएचयू के दिव्यांश ओझा ने बताया कि वह पांच टीमों फियरलेस फाइटर्स, पोर्टल पाइरेट्स, सन सत्तावन, टेक हैकर्स एवं टेक्नो वाइकिंग्स टीम के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो। सुधाकर सिंह, पीएसआईटी, कानपुर की डा। प्रदीपिका वर्मा, बीएचयू के कंप्यूटर साइंस की डा। वंदना और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के डीजीएम देवेंद्र यादव के साथ बात करवाते हैं।

-बीएचयू के छात्रों ने लिया हिस्सा -

-उन्नाव की रहने वाली रितिका बीएचयू के विज्ञान संस्थान में एमसीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। रितिका की टीम ने खुद भी इस वर्ष हैकथॉन के प्रारंभिक चरणों में भाग लिया था । उन्होंने आईवीपी ड्रिप बॉटल्स के ऑटोमेशन से जुड़ा एक प्रोजेक्ट बनाया था। हालांकि उनका प्रोजेक्ट हैकथॉन के अंतिम चरणों तक नहीं पहुंच पाया, लेकिन बतौर वालंटियर इस हैकथॉन के ग्रैंड फिनाले में जुड़ने का अवसर पाकर ही खुश है। विधि संकाय में कॉर्पोरेट गवर्नेंस में पीजी डिप्लोमा की छात्रा शिवांगी पांडेय बताती हैं कि हम वालंटियर्स का काम बहुत ही जिम्मेदारी भरा है। हम प्रतिभागी विद्यार्थी, संरक्षक एवं निर्णायक प्रोफेसर्स के बीच पुल का काम करते रहते हैं ।