-सरकार की ओर से विकास के साथ मानव जीवन को बेहतर बनाने की पहल

- 15वें वित्त से होने वाले काम के लिए सरकार ने जारी किया शासनादेश

- बीएचयू, क्वींस कॉलेज और जलकल विभाग में लगेंगे वायु गुणवत्ता मापक यंत्र

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जगहों पर शहर में लगाए जाएंगे गुणवत्ता मापन यंत्र

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करोड़ 20 लाख रुपये खर्च करेगी यंत्र लगाने में सरकार

प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद दिन-ब-दिन वाराणसी शहर की आबोहवा में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार ने आबोहवा पर विकास कार्य का 50 प्रतिशत रकम खर्च करने का फैसला लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने नगर निगम के लिए नियमावली जारी किया है, जिसमें नगरीय सुविधाओं के साथ मानव के बेहतर स्वास्थ्य पर काम करने मन बनाया गया है।

प्रदूषण रोकथाम के लिए कमेटी

केंद्रीय शहरी एवं आवासन विकास मंत्रालय की ओर से जारी शासनादेश में 15वें वित्त के काम का हवाला देते हुए बताया गया कि जो भी 15वें वित्त का काम होगा, उसमें से आधी रकम वायु प्रदूषण की रोकथाम पर खर्च होगी। इसके लिए सरकार ने कमेटी बनाने का निर्देश भी दिया है। कमेटी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, नगर आयुक्त के साथ ही मेयर को सदस्य बनाया गया है। शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि विकास जरूरी है, लेकिन हर दशा में शहर की आबोहवा को बेहतर करना भी हमारी जिम्मेदारी है। मानव जीवन को खतरे में डालकर विकास कार्य नहीं कर सकते हैं।

सड़क किनारे होंगे इंटरलॉकिंग

शहरी क्षेत्र में होने वाले कार्यो पर विशेष प्लानिंग करने को कहा गया है। धूल न उड़े इसके लिए नाली व सड़क के बीच में बची साइड पटरी पर इंटरलॉकिंग लगाकर शहर को धूल से मुक्त करने का प्रयास होगा। कुछ जगहों पर इसकी शुरुआत भी हो गई है। सरकार का प्रयास है कि शहर को स्मार्ट तरीके से विकसित करते हुए ग्रीन सिटी बनाया जाए ताकि पब्लिक को बेहतर माहौल मिले।

बनारस में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर

धर्म की नगरी काशी में वायु प्रदूषण का स्तर भारत के अन्य शहरों से बेहद ही खराब है। हालात यह है कि यहां की आबोहवा दमघोंटू है। हवा में पीएम-2.5 व 10 का मानक बेहद ही खतरनाक स्तर पर है। एमएलसी शतरूद्र प्रकाश ने भी वायु प्रदूषण को लेकर विधान परिषद में सवाल खड़ा किया था। वहीं योगी सरकार ने बनारस में तीन जगहों पर वायु की गुणवत्ता मापने के लिए यंत्र लगाने का निर्णय लिया है। बीएचयू, क्वींस कॉलेज लहुराबीर और जलकल विभाग भेलूपुर में यह यंत्र लगाए जाएंगे। इन यंत्रों पर सरकार अप्रैल में 4 करोड़ 20 लाख रुपया खर्च करेगी। उधर, नगर निगम ने स्थानीय स्तर पर 15वें वित्त से होने वाली धनराशि के खर्च के साथ ही कमेटी का गठन कर दिया है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि मुझे कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

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