- हालमार्किग सेंटर ढूंढने में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम को लग गए एक घंटे

- ज्वेलरी को हालमार्किंग कराने के लिए सेंटरों पर सराफा कारोबारियों की भीड़ रही

सराफा कारोबारियों के पास स्टाक में बची ज्वेलरी को हालमार्किग कराने का मंगलवार को अंतिम दिन था। सरकार की गाइडलाइन को लेकर सराफा कारोबारी कितने जागरूक हैं, यह जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम मंगलवार को चौक इलाके में पहुंची। हालमार्किग सेंटरों का पता जानने के लिए आम लोगों से बातचीत की, लेकिन कोई बता नहीं पाया। इसके बाद रेशम कटरा में सराफा कारोबारियों से पूछा तो ठठेरी बाजार का पता बताया गया।

टीम बाजार की गलियों में हालमार्किग सेंटर को ढूंढ रही थी, तभी एक सकरी गली में नकोडा हालमार्किंग का बोर्ड दिखा। टीम सेंटर पर पहुंची तो वहां की तस्वीर चौंकाने वाली दिखी। सकरी गली में मौजूद हालमार्किंग सेंटर पर सराफा कारोबारियों की भीड़ दिखी। हर किसी के हाथ में ज्वेलरी की पोटली थी। सभी में हालमार्किंग कराने को लेकर होड़ मची थी, लेकिन अंदर सिर्फ दो से तीन लोग को ही बुलाकर ज्वलेरी पर हालमार्किंग की जा रही थी।

::: जानकारी है तभी तो आए हैं :::

सीन-1

स्थान: सिंह जी की गली, ठठेरी बाजार

समय: दोपहर 1 बजे

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम मंगलवार दोपहर करीब एक बजे ठठेरी बाजार पहुंची। काफी पूछताछ के बाद सिंह जी की गली में नाकोडा हालमार्किंग सेंटर की जानकारी हुई। कई गलियों से होकर टीम सेंटर पहुंची तो सराफा कारोबारियों की भीड़ रही, लेकिन काउंटर पर एक-एक लोगों को बुलाया जा रहा था। पूछने पर पता चला कि गोल्ड ज्वेलरी की काफी महंगी होती है। एक भी पीस गड़बड़ हुआ तो काफी नुकसान होगा। कारोबारियों ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन की जानकारी है तभी तो आए हैं।

सीन-2

स्थान : रेशम कटरा गली, कर्णघंटा

समय : दोपर 2 बजे

इसके बाद टीम कर्णघंटा से होकर रेशम कटरा गली स्थित तनिशी हालमार्किंग पहुंची। सेंटर में कई कई कारोबारी मौजूद थे। पूछने पर पता चला कि कोई सिंगरौली तो कोई जौनपुर से आया था। 31 अगस्त हालमार्किंग कराने का अंतिम दिन है, यह जानकारी सभी को थी। बातचीत में सेंटर पर मौजूद कर्मचारी ने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा आज भीड़ ज्यादा है। हर दिन तीन से चार सौ लोग हालमार्किंग कराने के लिए आते हैं।

16 जून से हालमार्किंग जरूरी

ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने सराफा कारोबारियों को 16 जून से 31 अगस्त तक पुराने स्टाक को हालमार्किंग कराने की छूट दी थी। शहर में आठ हालमार्किंग सेंटर हैं, जहां प्रतिदिन प्रत्येक सेंटर पर दो से तीन सौ कारोबारी ज्वलेरी को हालमार्क करने के लिए आते हैं, जबकि प्रत्येक की क्षमता दो हजार के करीब है।

25 फीसद कारोबारी ही हैं पंजीकृत

नाकोडा हालमार्किंग सेंटर के क्वालिटी मैनेजर सहदेव दास बताते हैं कि वाराणसी में 15 सौ से अधिक सराफा कारोबारियों की दुकान का जीएसटी और बीआईएस में रजिस्ट्रेशन है। बीआईएस में रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। बावजूद इसके रजिस्टर्ड कारोबारियों की संख्या काफी कम है। अब तक मात्र 25 फीसद कारोबारी ही बीआईएस में पंजीकरण कराए हैं।

30 नवंबर तक तिथि बढ़ने की है उम्मीद

सराफा कारोबारियों और जानकारों की मानें तो बचे हुए स्टाक पर हालमार्किंग कराने की तिथि सर्वर डाउन होने के कारण 30 नवंबर तक बढ़ाई जा सकती है। हालांकि अब तक कोई अधिसूचना जारी की गई है।

::: हालमार्क ज्वेलरी से ग्राहक को फायदा :::

हमारी शॉप पर 2007 से ही हालमार्किंग लगी ज्वेलरी की बिक्री की जा रही है। इससे कभी समझौता नहीं किया गया है। हालमार्किंग से ज्वेलरी की क्वालिटी के प्रति भरोसा ज्यादा बढ़ जाता है। हालमार्किंग से ग्राहकों ही फायदा होता है।

-राजू अग्रवाल

पूर्वाचल में सबसे पहले हालमार्किंग लगी ज्वेलरी बेचने की शुरुआत 2006 से हमारी शॉप से हुई थी। अभी एक भी ज्वेलरी बिना हालमार्किंग की नहीं बेची है। ग्राहकों को यह जानने का पूरा हक है कि उसकी ज्वेलरी में कितना सोना है।

-अभय अग्रवाल

ज्वेलरी के बड़े-बड़े शोरूम में बहुत पहले से ही हालमार्क ज्वेलरी बिक रही है। सरकार की गाइडलाइन से हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है। बल्कि यह बहुत अच्छा है कि अब छोटे दुकानों को इस श्रेणी में लाया जा रहा है।

-गुंजन अग्रवाल

हालमार्क ज्वेलरी से ग्राहक को ज्यादा फायदा है। जिस कैरेट में उसने गहना खरीदा है, जब बेचेगा तो उसमें कोई कटौती नहीं होगी। यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। फिलहाल सरकार का यह निर्णय सही है।

-रजत अग्रवाल

गोल्ड हॉलमाìकग अनिवार्य करने के पहले चरण में देश के 256 जिलों में वाराणसी भी शामिल है, लेकिन चंदौली, भदोही समेत आसपास के जिलों में अभी लागू नहीं किया गया है, जिससे थोड़ी दिक्कतें आ सकती है।

-संतोष अग्रवाल

शहर में जितने भी बड़े शोरूम हैं, वहां बहुत पहले से ही हालमार्क ज्वेलरी बिक रही है। हालमार्क ज्वेलरी से ग्राहक को ज्यादा फायदा है। साथ ही सही और शुद्ध सामान भी मिलेगा।

-मंयक अग्रवाल

हालमार्क ज्वेलरी से ग्राहक को फायदा तो होगा, लेकिन बोझ भी बढ़ेगा। हालांकि अधिकतर लोग वहीं से ज्वेलरी लेते हैं, जिस पर उन्हें भरोसा होता है। फिलहाल सरकार का यह निर्णय सही है।

-सुनील कुमार