नवजातों के वॉर्ड में नहीं हैं हीटर्स

जिस तरह से गर्मियों में वॉड्र्स में कूलर्स की व्यवस्था होती है, वैसे ही सर्दियों में भी ब्लोअर्स या रूम हीटर्स का अरेंजमेंट होना चाहिए। जिला महिला अस्पताल में अगर ऑपरेशन थियेटर और एसआईसीयू को छोड़ दिया जाए तो बाकी कहीं किसी वाड्र्स में नन्हीं जानों और उनकी मदर्स के लिए गर्माहट का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। अस्पताल के कर्मचारियों की मानें तो ज्यादा ठंड लगने पर पेशेंट्स खुद ही अपने बेड के पास बल्ब जला लेते हैं ताकि कुछ गर्माहट बनें लेकिन हॉस्पिटल के तार पुराने होने की वजह से ज्यादा लोड नहीं झेल सकते और इसलिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ऐसा करने से रोकता है।

नहीं मंगवाए गए इस साल ब्लोअर्स

मंडलीय अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पिछले साल के ब्लोअर्स और रूम हीटर्स सभी अच्छी कंडीशन में हैं लेकिन अभी पेशेंट्स की डिमांड न आने की वजह से इन्हें फंक्शन में नहीं लाया जा सका है। हालांाकि सभी वॉड्र्स में इन्हें अभी तक यूज में आ जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा न होने की वजह केवल हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का आलसपूर्ण रवैया है।

तीमारदारों के लिए लकडिय़ां कहां हैं

देर रात इमरजेंसी में आए हुए मरीज के साथ उनके परिवारजन वॉड्र्स में तो रात गुजार नहीं सकते। कभी ऑपरेशन तो कभी इमरजेंसी ट्रीटमेंट, इस ठंडी में तीमारदारों को बाहर ही खड़े रहना होता है। कुछ टाइम पहले तक लकडिय़ों को बाहर जलाने का सिस्टम था, लेकिन इस फैसिलिटी को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यानि कि अभी तक लकडिय़ों का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

वर्जन

अभी इतनी ठंडी पड़ ही कहां रही है कि पेशेंट्स को ब्लोअर्स या रूम हीटर्स दिए जाएं। हमारे पास इन्हें खरीदने के लिए कोई अलग से बजट नहीं आता है। गलन बढ़ेगी तो देखा जाएगा।

- पुष्पा देवी, मेटरन, जिला महिला अस्पताल

लकडिय़ां डलवाने का काम नगर निगम का है। अभी तक क्यों नहीं डाली गई, इसका पता नहीं। हमारे पास पर्याप्त तैयारी है। डिमांड पर हम उन्हें जरूर ब्लोअर या हीटर प्रोवाइड कराएंगे।

- डॉ वीके श्रीवास्तव, एसआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल