वाराणसी (ब्यूरो)ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हर दिन विवाद एक कदम आगे ही बढ़ा रहा हैइसके अस्तित्व पर लगातार सवाल दर सवाल सामने आने का क्रम शुरू हो गया हैश्रृंगार गौरी के दर्शन की अनुमति के लिए कोर्ट में दाखिल याचिका के बाद ज्ञानवापी के मामले पर एक बार फिर पूरे देश में इसे लेकर बहस शुरू हो गई हैहालांकि ज्ञानवापी मस्जिद को ढहाने के लिए 1991 से न्यायालय में केस चल रहा है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि असल में विवाद 353 साल पुराना हैइसे लेकर कई बार हिंदू-मुस्लिम सामने आ चुके हैं, लेकिन कभी सौहार्द नहीं बिगड़ा हैज्ञानवापी को लेकर कब-कब क्या हुआऔरंगजेब के बनारस आने और उससे जुड़े इतिहास की कहानियों व पुरानी किताबों में वर्णित तथ्यों से आपको भी अवगत कराएंगे.

ऐसे शुरू हुआ विवाद

विवाद की शुरुआत 1098 से 1585 ईस्वी के बीच होने की पुष्टि होती है

-1098 में राजा हरिश्चंद्र ने मंदिर बनवाया

-1194 में पहली बार मोहम्मद गौरी ने मंदिर लूटा और तोड़ा

-1194 में मंदिर को स्थानीय लोगों ने फिर से बनवाया

-1447 में दूसरी बार जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने तोड़ा मंदिर

-1585 में राजा टोडरमल ने नारायण भट्ट के साथ मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया

-1632 से 1735 ईस्वी में तीसरी बार मंदिर को तोडऩे का काम औरंगजेब के काल में हुआ

-1632 में औरंगजेब ने विश्वनाथ मंदिर को तोडऩे के लिए सेना भेजी थी, लेकिन हिंदुओं के विरोध की वजह से यह लौट गई

-1632 में विश्वनाथ मंदिर तो नहीं टूटा, लेकिन काशी के अन्य 60 से ज्यादा मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया

-1669 में औरंगजेब बनारस आया और काशी में मौजूद भव्य विश्वनाथ मंदिर को तोडऩे का आदेश जारी किया

-1669 में तीसरी बार मंदिर को तोड़ा गया और उसी साल ज्ञानवापी परिसर में औरंगजेब ने मस्जिद बनवाई

-1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने ज्ञानवापी परिसर के पास दूसरे काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया

-1832 में मस्जिद की दीवार पर मंदिरनुमा कलाकृति मिलने की बात सामने आई

-1809 में मस्जिद के बाहर मुस्लिम नमाज पढ़ रहे थेहिन्दू-मुस्लिम में विवाद हुआहिंदू समुदाय ने ज्ञानवापी मस्जिद उन्हें सौंपने की मांग की

-1810 में बनारस के तब के जिला दंडाधिकारी मिस्टर वाटसन ने वाइस प्रेसिडेंट इन काउंसिल को पत्र लिखाज्ञानवापी परिसर हिंदूओं को हमेशा के लिए सौंपने को कहा

-1937 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी को मस्जिद के तौर पर स्वीकार किया

-1937 से 1991 में ज्ञानवापी परिसर को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ

-1991 में याचिका में पूजा करने के साथ मस्जिद ढहाने की मांग की

-1993 में विवाद के चलते हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया

-1998 में कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे की अनुमति दीइसे चुनौती देने के बाद हाईकोर्ट अनुमति रद कर दी

-2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर इस मामले का आर्कियोलॉजिकल सर्वे कराने की याचिका दायर की गई.

-2020 में मस्जिद कमेटी ने सर्वे की मांग का विरोध किया

-2021 में 5 महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट ने याचिका डाली