एमएलसी ने मंदिरों पर गृहकर लगाने पर जताई नाराजगी

नवागत नगर आयुक्त को ई-मेल के जरिए भेजा पत्र

खजाना भरने के लिए नगर निगम ने भगवान के घर को भी सूची में शामिल कर लिया है। नगर निगम ने काशी के केदार खंड में स्वयं प्रगट हुए केदारेश्वर महादेव के मंदिर से 43092 हाउस टैक्स की डिमांड की है। यही नहीं, जलकल विभाग ने भी वाटर और सीवर टैक्स लगा दिया है। नगर निगम के इस कृत्य पर एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने नाराजगी जाहिर की है। कहा कि अंग्रेजों ने ऐसा अनर्थ नहीं किया।

इस संबंध में एमएलसी ने 30 जुलाई 2021 को नवागत नगर आयुक्त को ई- मेल (पत्र) लिखा है। इसमें कहा कि केदारघाट पर भवन संख्या बी -6 / 102 में केदारनाथ का पौराणिक मंदिर है। इसका कोई भी भौतिक मूल्य नहीं है। इसके बावजूद वर्ष 2021-2022 के लिए वर्ष 2014-15 को आधार वर्ष मानते हुए इस अनमोल मंदिर का वाíषक मूल्य 43092 रुपये निर्धारित करते हुए मार्च 2021 तक ब्याज सहित 40786 रुपये की मांग की गई है।

मंदिर को दर्शाया गया घर

श्रीकेदारनाथ के इस पौराणिक मंदिर पर गैर कानूनी हाउस टैक्स लगाने के लिए वाराणसी नगर निगम के कम्प्यूटर में भवन संख्या-बी 6/102 को घर (आवास) लिख दिया है, जबकि इस मंदिर का अस्तित्व वाराणसी नगर निगम तो क्या बनारस नगर पालिका के सैकड़ों वर्ष पूर्व से है। अंग्रेजों के राज में 105 वर्ष पहले बने उप्र नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 129 ए की उपधारा (ख) में भी लिखा है किसी भवन, भूमि या उसका कोई भाग सार्वजनिक उपासना या दानोत्तर प्रयोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो उस पर वाíषक मूल्यांकन के आधार पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया जाएगा। अब आजाद भारत में बने मौजूदा उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177 (ख) के अनुसार तो काशी के पौराणिक मंदिर पर कदापि हाउस टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए है। वाराणसी नगर निगम ने गैर लाइसेंसी कंपनी से जीआईएस करा कर अवैध व पाइरेटेड सेटेलाइट इमेज ली है। इसमें मंदिर दर्शाने की बजाए आवासीय भवन अंकित दिया गया है। इस बड़ी गलती को तत्काल दुरुस्त किया जाए। गृहकर के साथ अवैध हजारों रुपये का जलकर भी लगा दिया गया है।