-पुलिस-प्रशासन को जेब में रखने का दावा करती हैं सेक्स वर्कर, होटल वाला भी नहीं मांगता है आईडी

जैसे-जैसे सूरज ढलता है, वैसे-वैसे कैंट रेलवे स्टेशन के सामने हुस्न की मंडी लगना शुरू हो जाती है। इसमें 20 साल से लेकर 50 साल की औरतें तक होती हैं। एक-दो नहीं तकरीबन 25 से अधिक सेक्स वर्कर स्टेशन के सामने खड़े होकर जिस्म का सौदा करती है। स्टेशन के पास कई होटलों में इनकी सेटिंग होती हैं। ये पुलिस प्रशासन को भी अपनी जेब में रखने का दावा करती है। हुस्न की इस मंडी से सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों को झेलनी पड़ती है। आलम यह है कि स्टेशन के बाहर कोई महिला यात्री अकेले खड़ी नहीं हो सकती।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास महिला यात्रियों की लगातार शिकायतें आ रही थीं कि रात में हम लोग कैंट स्टेशन के बाहर खड़े तक नहीं हो सकते। सेक्स वर्कर्स ने पूरे स्टेशन और सड़क को अपने कब्जे में ले रखा है। खुलेआम यहां जिस्म का कारोबार हो रहा है। इन सेक्स वर्कर की गंदी बातों और हरकतों से हर यात्री परेशान है। इस शिकायत पर जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने तीन दिन तक स्टिंग ऑपरेशन किया तो सच सामने आया। शाम को 5 बजे के बाद मुंह पर नकाब लगाये तकरीबन 20-25 महिलायें अचानक से स्टेशन के बाहर आ गई। आंखों और आवाज से इशारा कर यात्रियों को बुलाने लगीं। जो इनके जाल में फंसा उसे होटल का रास्ता दिखा दिया गया। जो नहीं फंसा उसे बीच सड़क बेइज्जत कर भगा दिया गया। इनके लिये दलाल का काम कुछ ऑटो और रिक्शा वाले करते हैं।

शुक्रवार: मेरे साथ होटल चलो

रात करीब आठ बजे। रिपोर्टर रेलवे स्टेशन कैंट पहुंचा। स्टेशन के बाहर सेक्स वर्कर का मजमा लगा हुआ था। एक घंटे तक रिपोर्टर ने इन पर नजर रखी। कई लोग इन महिलाओं से बात करते और उनके साथ सामने एक गली में चले जाते। वहां खड़ी एक महिला ने भी रिपोर्टर को इशारों से अपने पास बुलाया। रिपोर्टर गया तो उसने कुछ इस तरह की बात की-

सेक्स वर्कर- चलना है क्या?

रिपोर्टर- हां, कितना लगेगा?

सेक्स वर्कर- 15 सौ।

रिपोर्टर- कमरे का क्या है?

सेक्स वर्कर- उसी में कमरे का भी है।

रिपोर्टर- कुछ डिस्काउंट?

सेक्स वर्कर- 12 सौ रुपए से कम नहीं लूंगी, चलना है तो बताओ?

रिपोर्टर- मेरे साथ चलो, मैं अपने होटल में लेकर चलूंगा, यहां पुलिस का डर है।

सेक्स वर्कर- यहां कोई दिक्कत नहीं है सब मैनेज होता है।

सबने कहा कि टेंशन मत लीजिये

इसके बाद उसी के पास में खड़ी तीन और सेक्स वर्कर से रिपोर्टर ने बात की। सभी ने एक ही बात कही। दो ने एक घंटे के लिये अपना रेट 1500 रुपए बताया। एक ने 1200 रुपए देकर अपने साथ चलने को कहा। तीनों की एक कॉमन बात थी कि वे बाहर किसी होटल में चलने को तैयार नहीं हुई। उनकी अपनी ही सेटिंग के होटल में चलने के लिये जोर देती रही। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि हम जिस होटल में ले चलेंगे वहां किसी प्रकार की कोई टेंशन नहीं होगी।

शनिवार: ऑटो ड्राइवर भी करते हैं मदद

कुछ सेक्स वर्कर ओवर ब्रिज के नीचे और स्टेशन परिसर में बने चबूतरे पर बैठी थीं। रिपोर्टर पास में खड़े एक ऑटो पर बैठ गया। दो मिनट बाद ऑटो का ड्राइवर आया और रिपोर्टर से पूछने लगा कहां जाना है, जब रिपोर्टर ने कहा वहीं जहां आप ले जाना चाहते हैं। तो उसने इशारे से एक सेक्स वर्कर को बुलाया। दोनों के बीच फिर वही बात हुई। उसने कहा कि आप मेरे साथ होटल चलिये। इस पर रिपोर्टर ने बोला कि मेरी बाइक है, कहीं चोरी न हो जाए। इस पर तुरंत ऑटो ड्राइवर बोला कि अपनी बाइक यहीं खड़ी कर दीजिये, मैं देखता रहूंगा। करीब 25 मिनट तक रिपोर्टर और सेक्स वर्कर की बात हुई। जब रिपोर्टर ने मना कर दिया तो वह अगले ग्राहक के पास पहुंच गई। वहां सौदा तय हुआ और वो होटल की तरफ निकल गई।

रविवार: होटल में नहीं लगेगी आईडी

5 अगस्त के दिन जहां पूरे शहर में धारा 144 लगी हुई थी, वहीं कैंट रेलवे स्टेशन के सामने हसीनाओं का एक झुंड लोगों को अपने जाल में फंसा रहा था। रात करीब 10 बजे रिपोर्टर स्टेशन पहुंचा। वहां एक सेक्स वर्कर से बात की। पेश है बातचीत के अंश।

सेक्स वर्कर- क्या चाहिए?

रिपोर्टर- कितना रेट है?

सेक्स वर्कर- 15 सौ रुपए।

रिपोर्टर- सही बताओ तो चलूं?

सेक्स वर्कर- इससे कम नहीं।

रिपोर्टर- दो हजार रुपए दूंगा, जहां मैं कहूं वहां चलोगी?

सेक्स वर्कर- नहीं।

रिपोर्टर- यहां किस होटल में चलोगी?

सेक्स वर्कर- चौधरी होटल।

रिपोर्टर- आईडी किसकी लगेगी, मैं नहीं दूंगा।

सेक्स वर्कर- किसी की आईडी नहीं लगेगी।

रिपोर्टर- तीन सौ में चलना है तो बताओ?

सेक्स वर्कर- फ्री में चलो गुस्से में आकर। इसके बाद वहां से वो चली गई।

होटल तक किया पीछा

इसके बाद रिपोर्टर दूर खड़ा होकर उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगा। कुछ ही समय बाद उसे दो लोग आए। उससे बात की और वह होटल की ओर बढ़ गए। रिपोर्टर भी पीछे लग गया और गली गली होते हुए वो चौधरी होटल पहुंची। रिपोर्टर होटल तक पहुंचा और देखा कि रिसेप्शन से होते हुए बिना किसी रोकटोक के सीधे वो दोमंजिला कमरे में चली गई।

पुलिस को नहीं दिखती है ये महिलाएं

ताजुब की बात तो यह है कि शाम होते ही यह सेक्स वर्कर चेहरे पर दुपट्टा बांधे सड़क पर ग्राहकों का इंतजार करती हैं। पुलिस भी यहां ड्यूटी पर लगी रहती है लेकिन उन्हें यह नहीं दिखता है। कई बार यात्रियों का इन सेक्स वर्कर से बवाल भी हुआ है, उसके बावजूद पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती।

आसपास जनपदों से आते हैं युवक

तीन दिन चले स्टिंग ऑपरेशन में रिपोर्टर ने यह देखा कि अधिकतर कस्टमर दूसरे जिलों से आते हैं। वाराणसी ही नहीं भदोहीं, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मिरजापुर, आजगढ़, मऊ, बलिया, गोरखपुर और प्रयागराज से यहां केवल मस्ती करने के लिए आते हैं। यही नहीं कई बार इनके जाल में फंसकर पैसे भी गवां देते हैं।

मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। ऐसा करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

ए। सतीश गणेश

पुलिस कमिश्नर