-रोडवेज बस ड्राइवर्स के लिए परिवहन विभाग ने जारी की गाइडलाइन
-ज्यादा कोहरा होने पर बस परिचालन पर लगेगा ब्रेक
-रूट की जानकारी रखने वाले ड्राइवर्स को ही मिलेगी ड्यूटी
ठंड की शुरुआत के साथ ही फॉग की समस्या गहराने लगी है। ऐसे में रोडवेज बसें दुर्घटनाग्रस्त ना हों और यात्रियों का सफर सेफ रहे इसके लिए परिवहन निगम ने गाइडलाइन जारी की है। ठंड के बीच जिस रूट पर कोहरा ज्यादा होगा, वहां परिचालन रोक दिया जाएगा। नई गाइडलाइन के तहत चालकों को उसके रूट में आने वाले ब्लैक स्पॉट, दुर्घटना संभावित क्षेत्र, डायवर्जन आदि की जानकारी दी जाएगी। चालक को ड्यूटी तभी मिलेगी जब उसके पास अपने पूरे रूट की सटीक जानकारी होगी खासतौर पर नाइट बस सर्विस में।
नाइट शिफ्ट में सुपरवाइजर
परिवहन विभाग के नए प्लान के तहत कोहरे के दौरान बसों के संचालन पर निगरानी के लिए नाइट शिफ्ट में सुपरवाइजर की भी नियुक्ति की जाएगी। वो कोहरे को देखते हुए बस को रवाना करने का फैसला लेंगे। यदि बस की राह में जरूरत से ज्यादा कोहरा नजर आएगा तो उसका संचालन वहीं रोक दिया जाएगा। हालांकि इससे यात्रियों को असुविधा जरूर होगी, लेकिन उनकी यात्रा सुरक्षित रहेगी। यही नहीं बस यात्रियों को डिपो में रुकने की व्यवस्था सुपरवाइजर द्वारा की जाएगी। कोहरा घटने के बाद ही सुबह बस को आगे रवाना किया जाएगा।
ये हैं गाइडलाइन
-सभी बसों के अंदर ऑल वेदर बल्ब लगे होने जरूरी हैं।
-बसों में वाइपर लगा होना जरूरी है और वाइपर चालू होना चाहिए।
-यात्रियों की सीट पर खिड़की का शीशा रिपेयर हो और शीशे का रबड़ सही दशा और सही साइज में लगा हो।
-बसों के आउटसेडिंग के समय मार्ग के अन्य स्टेशनों पर चालकों को कोहरे में सुरक्षित संचालन के लिए जागरुक किया जाए।
-नाइट शिफ्ट में बस डिपो पर सुपरवाइजर की नियुक्ति होगी, जो कोहरे की स्थिति के अनुसार बस के संचालन की अनुमति देगा।
-बस चालकों को अपने रूट पर ब्लैक स्पॉट, दुर्घटना संभावित क्षेत्र, डायर्वजन की जानकारी होनी चाहिए।
-बसों में निर्धारित क्वालिटी का रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगा होना चाहिए
-सभी बसों की विद्युत वायरिंग सही होगी और हेडलाइट, बैक लाइट, टेल लाइट, साइड इंडिकेक्टर जांच के बाद ही बस निकाली जाएगी।
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मुख्यालय से आए निर्देशानुसार नाइट बसों के चालक को उनके रूट के ब्लैक स्पॉट, दुर्घटना संभावित क्षेत्र, डायवर्जन की जानकारी देने के बाद ही डयूटी दी जाएगी। बसों के शीशे, लाइट, वाइपर आदि को दुरुस्त कराया जा रहा है।
केके शर्मा, आरएम-रोडवेज