-वाराणसी को स्मार्ट सिटी के रुप डेवलप करने में संस्थान देगा तकनीकि सहयोग

-आईआईटी बीएचयू और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच हुआ समझौता

-केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देश के लगभग 200 से ज्यादा शहरों में विकास कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी की लिस्ट में बनारस भी है। जिसके तहत डेवलपमेंट के कई प्रोजेक्ट शहर में चल रहे हैं। स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी लिमिटेड को है। अब आईआईटी बीएचयू के स्टूडेंट्स भी सिटी को स्मार्ट बनाने में अपना तकनीकि सहयोग देंगे। इसके लिए आईआईटी बीएचयू और स्मार्ट सिटी लिमिटेड में एक समझौता भी हुआ है।

वर्चुअल सेंटर बनेगा

इस नयी कवायद से शहर में डेवलपमेंट वर्क में तेजी तो आएगी साथ ही काम की क्वालिटी भी अच्छी होगी। इस संबंध में आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो पीके जैन ने बताया कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड व आईआईटी बीएचयू के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। इस समझौते के तहत एक वर्चुअल सेंटर की स्थापना की गई है। जिसके माध्यम से संस्थान के शिक्षाविदों व प्रोफेशनल्स के द्वारा वीएससीएल के अधिकारियों को सहायता दी जाएगी। संस्थान के तकनीकि का इस्तेमाल अब वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारी शहर में चले रहे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए करेंगे। इसके लिए समय समय पर वीएससीएल के अधिकारियों संग आईआईटी के प्रोफेसर्स की मीटिंग होगी। इस दौरान प्रोजेक्ट के तकनीकी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

कई समस्याओं पर देंगे सुझाव

वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड और बीएचयू के बीच जो समझौता हुआ है उसमें बीएचयू शहर की कई समस्याओं पर अपना तकनीकि सहयोग देगा। इसमें भूजल, सतही जल संसाधनों का समुचित जल प्रबंधन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स के साथ थ्री डी शहर मॉडलिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व क्लाउड व बिग डेटा एनालिटिक्स के ऊपर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के साथ मिलकर काम होगा।

करेंगे इंटर्नशिप

प्रोजेक्ट में प्रोफेसर्स तो अपनी राय देंगे ही साथ ही संस्थान स्टूडेंट्स भी काम करेंगे। इस संबंध में संस्थान के निदेशक प्रो प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि संस्थान के यूजी व पीजी के सभी छात्र आईओटी, सूचना प्रौद्योगिकी, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, शहरी नियोजन, स्मार्ट मोबिलिटी, पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन, उर्जा, जीआईएस, पीआईएस व गंगा कायाकल्प परियोजनाओं में वीएससीएल में अपनी ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप करेंगे ।