-पुलिस कमिश्नर की पहल पर कोर्ट से अनुमति लेकर अवैध शराब को किया गया नष्ट

- रामनगर थाने की पुलिस ने अदालत से अनुमति लेकर शराब को किया नष्ट

- एडिशनल डीसीपी क्राइम दिनेश कुमार पुरी की देखरेख और एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह के नेतृत्व में नष्ट की गई शराब

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साल में पकड़ी गई थी 4000 पेटी अवैध शराब

वाराणसी कमिश्नरेट के रामनगर थाने की पुलिस द्वारा बीते 3 वर्ष में जब्त की गई 2 करोड़ 65 लाख रुपये मूल्य की 4 हजार पेटी देसी-अंग्रेजी शराब शनिवार को जमीन में दफन कर दी गई। यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर की पहल पर पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेने के बाद की है। शराब की बोतलें नष्ट करने का काम अपर नगर मजिस्ट्रेट, एडिशनल डीसीपी दिनेश कुमार पुरी की देखरेख और आबकारी निरीक्षक के अलावा एसीपी कोतवाली की नेतृत्व में की गई। पुलिस की यह कार्रवाई क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही। जबकि जब्त शराब को नष्ट करने की कार्रवाई देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था।

एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि साल 2018 से मई 2020 तक रामनगर थाने में 4000 पेटी शराब जब्त की गई थी। इस संबंध में 37 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जब्त की गई शराब गोदाम में रखा हुआ था और उसे थाने में रखने का कोई औचित्य नहीं था। इसके चलते मालखाने में जगह भी बहुत कम बच रही थी।

बुलडोजर से शीशियों को नष्ट कराया

एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-1 की अदालत में जब्त शराब को नष्ट करने की अनुमति मांगी गई थी। अदालत के आदेश के क्रम में शनिवार की शाम रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर के समीप खुले मैदान में बुलडोजर से शराब की शीशियों को नष्ट कराया गया। इसके बाद जेसीबी से गड्ढा खुदवा कर शराब की क्षतिग्रस्त शीशियों को उसमें डाल कर ऊपर से मिट्टी गिरा दी गई। यह कार्य देर शाम तक चलता रहा।

वर्षो से जब्त वाहन जगह घेरे हुए हैं

कमिश्नरेट के अन्य थानों द्वारा जब्त की गई शराब के साथ ही इसी तरह की अन्य सामग्रियां रखी हुई हैं, जो भी निष्प्रयोज्य हैं। उनके नष्ट करने की प्रक्रिया यदि आगे बढ़े तो थानों के मालखानों में भी जगह खाली हो। कमिश्नरेट के सभी थानों में वर्षो से खड़े जब्त वाहन जगह घेरे हुए हैं। उनके निस्तारण की प्रक्रिया हो तो थाने की जगह खाली हो।

:: कोट ::

शनिवार को 2.65 करोड़ रुपये की शराब को नष्ट कराया गया। इसके अलावा अन्य थानों में पड़ी निष्प्रयोज्य सामग्री को नष्ट करने के लिए कोर्ट से अनुमति लेने का निर्देश थाना प्रभारियों और सíकल के एसीपी को कहा गया है।

-ए। सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर, वाराणसी कमिश्नरेट