वाराणसी (ब्यूरो)युवाओं की अब किताबों से दोस्ती और मोबाइल से दूरी होती जा रही हैइस समय युवाओं का किताबों के प्रति रुझान बढ़ा हैवाराणसी की ज्यादातर लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स की कोई कमी नहीं हैहर कोई अपनी समस्याओं का हल बुक्स में खोज रहा हैजहां एक तरफ यूथ पढ़ाई के लिए यूट्ूयूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर निर्भर है वहीं वाराणसी के स्टूडेंट्स किताबों को ही पढ़ाई के लिए बेस्ट समझते हैैंलाइब्रेरी में भी बच्चों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता हैऐसी ही एक लाइब्रेरी है आर्य महिला पीजी कॉलेज की, जहां बच्चे पूरा दिन फोन से दूरी रखकर सुबह से शाम तक कॉलेज की लाइब्रेरी में अपनी सेलेबस और अन्य कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में जुटे रहते हैैं.

वर्ष 1956 में हुई स्थापना

आर्य महिला पीजी कॉलेज की लाइब्रेरी की स्थापना वर्ष 1956 में कॉलेज की स्थापना के साथ हुई थीसुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक यह लाइब्रेरी खुलती हैशुरुआत में यहां बच्चों के लिए ज्यादा बुक्स नहीं उपलब्ध थी, पर समय के साथ ही लाइब्रेरी में भी बदलाव किया गया और इसे डिजिटल रूप दिया गयाआज कॉलेज की लाइब्रेरी में पुरानी किताबों के साथ ही आज के समय की बुक्स भी उपलब्ध हैवहीं मैग्जीन और इंग्लिश न्यूजपेपर भी लाइब्रेरी में उपस्थित रहता हैसुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक लाइब्रेरी खुलती हैलाइब्रेरी में इंटरनेट की सुविधा भी है.

कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी

वाराणसी में लाइब्रेरी की संख्या बढऩे से फायदा सामने आ रहा हैयुवा मोबाइल से दूरी बनाकर किताबें पढ़ रहे हैंआर्य महिला की लाइब्रेरी में रोज 150 बच्चे अपनी कॉम्पिटिटिव एग्जाम और अपने कॉलेज एग्जाम की तैयारी में लगे हुए हंैकॉलेज में इस समय एग्जाम का माहौल हैजिसके चलते लाइब्रेरी में पढऩे के लिए स्टूडेंट्स की भीड़ लग रही हैबच्चे यहां शांति में बैठकर अपनी पढ़ाई करते हंै.

40 हजार किताबों का कलेक्शन

आर्य महिला की लाइब्रेरी में 40 हजार बुक्स का कलेक्शन हैइसमें नई-पुरानी हर तरह की बुक्स शामिल हंैकॉलेज की लाइब्रेरियन शोभा बाजपेई ने बताया कि स्टूडेंट्स अपने सिलेबस की बुक्स के साथ अन्य पुरानी बुक्स भी पढ़ते हैंजिसमें उस समय के तमाम लेखकों की बुक्स शामिल हैबच्चों की सुविधा के लिए नई पब्लिश बुक्स भी लाइब्रेरी में तुरंत उपलब्ध करा दी जाती है.

यहां पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा माहौल रहता हैबुक्स तो पढ़ते ही हैंसाथ ही अपनी ऑनलाइन पढ़ाई भी यहां कर सकते हैं.

खुशी

कॉम्पिटिटिव एग्जाम की सभी बुक्स लाइब्रेरी में उपलब्ध है, जिससे हम स्टूडेंट्स आराम से अपनी पढ़ाई कर पाते हैं.

संगम

40 हजार बुक्स का कलेक्शन लाइब्रेरी में हैन्यू पब्लिश बुक्स भी लाइब्रेरी में उपलब्ध रहती हैरोज 150 बच्चे लाइब्रेरी में अपनी पढ़ाई करने आते हैं और लगभग सौ बच्चे बुक्स को घर लेकर जाते हंै.

शोभा वाजपेयी, लाइब्रेरियन