वाराणसी (ब्यूरो)। इस प्रोजेक्ट को कौन सी कम्पनी पूरा करेगी, इसकी जानकारी टेंडर खुलने के बाद सामने आएगी, लेकिन कार्यदायी संस्था वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 13 नवम्बर से निविदा जारी की है। निविदा खुलने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद 11 दिसम्बर तक बीड सममिशन से लगायत अन्य प्रक्रियाएं की जाएगी।

रिपोर्ट तैयार करने में ढिलाई
डीपीआर बनाने वाली संस्था वैपकॉस पर वाराणसी विकास प्राधिकरण से एग्रीमेंट करने में ढिलाई का भी आरोप लगा था। अक्टूबर के पहले ही सप्ताह में एग्रीमेंट फाइनल करने की टाइमलाइन तय हुई थी, लेकिन वैपकॉस की ओर से ढिलाई बरती गयी, जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने नाराजगी जताई थी। इसको लेकर वैपकॉस के मुख्य अभियंता दीपक लखनपाल को वीडीए की ओर से चेतावनी पत्र भी भेजा गया था। वैपकॉस पर आरएफपी कार्य व कन्सेशन एग्रीमेंट रिपोर्ट तैयार करने में देरी का आरोप था।

चुनाव से पहले शिलान्यास
दरअसल, वीडीए की मंशा है कि यूपी में होने वाले 2022 के विस चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सभी तरह की औपचारिकताओं को पूरा कर काम की शुरुआत कराते हुए शिलान्यास करा दिया जाए। कमिश्ननर दीपक अग्रवाल का कहना है कि काशी के लिए यातायात की संजीवनी के रूप में साबित होने वाले इस ड्रीम प्रोजेक्ट का लोगों का बेसब्री से इंतजार है। रोप-वे के शुरू हो जाने से यहां आने वाले सैलानियों को सुविधा मिलेगी और कम समय में लोग यहां के तीर्थ स्थलों व ऐतिहासिक स्मारकों के साथ मंदिरों में पहुंचकर दर्शन-पूजन कर सकेंगे।

424 करोड़ की है परियोजना
रोप-वे बनने के बाद सैलानी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरिजाघर तक सफर कर सकेंगे। करीब 424 करोड़ की इस परियोजना के तहत पांच किलोमीटर लम्बा रोप-वे तैयार होगा। कैंट, साजन तिराहा, सिगरा, रथयात्रा के बाद गिरिजाघर स्टेशन बनेगा। योजना के तहत 80 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार का और 20 फीसदी राज्य सरकार का होगा।