-गर्मी में बिजली की खपत के साथ बढ़ गए बिजली चोर
-बिजली विभाग के बंधे हाथ, अभी नहीं कर सकते धर-पकड़
कोरोना संक्रमण के कारण शहर में लगे लॉकडाउन का कुछ लोग फायदा उठा कर बिजली चोरी कर रहे हैं। इससे कई हिस्सों में बिजली का लोड बढ़ गया है। लॉक डाउन के चलते बिजली विभाग की तरफ से कोई चेकिग न होने से बिजली चोरो की मौज हो गई है। कोई किसी ने महीनो पहले कटा कनेक्शन जोड़ लिया है, तो कोई चलता मीटर बंद कर कटिया कनेक्शन कर चोरी की बिजली से एसी, फ्रीज और कूलर चला रहा है। इन चोरो की वजह से जहा लाइन ट्रिपिंग की समस्या बड़ी है वही ट्रांसफार्मर फुंक जाने की समस्या भी गहरा गई है। इसे लेकर विभागीय अफसर भी परेशान हैं। अधिकारियों का कहना है कि विभाग अगले माह से प्रभावी कदम उठाने जा रहा हैं।
डिस्ट्रिक्ट में फिर बड़ी खपत
लॉकडाउन के बीच जारी भीषण गर्मी में बिजली डिमांड बढ़ गई है। बिजली डिमांड करीब 570 एमवी के करीब पहुंच गई। जो पिछले साल मई महीने की डिमांड के बराबर के करीब है। जबकि लॉकडाउन के चलते औद्योगिक इकाईयां और आधे से ज्यादा व्यवसायिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद चल रहे हैं। इससे बिजली अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
पहले घट गई थी डिमांड
बिजली अधिकारियों के मुताबिक मार्च, अप्रैल में जब लॉकडाउन नहीं था। सभी औद्योगिक इकाईयां, बाजार सब खुले थे तब बिजली की पीक डिमांड 550 एमवीए थी, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ सारे कारखाने व बाजार बंद हुए एकाएक बिजली डिमांड घटकर 500 एमवीए के करीब आ गई थी। लेकिन वर्तमान में डिमांड बढ़ने लगा। इधर चार दिन से पारा 40 डिग्री पार होते ही बिजली डिमांड में तेजी से उछाल आया है।
अब तक की सबसे ज्यादा डिमांड
अधिकारियो के मुताबिक मई महीने की अब तक की सबसे ज्यादा बिजली डिमांड 570 एमवी दर्ज हुई है। अधिकारियो की माने तो लॉकडाउन में बिजली डिमांड घटा तो था, लेकिन खपत बढ़ने और सुबह 6 से सात घंटे दुकाने खुलने की छूट से 90 डिमांड परसेंट अपने जगह पर लौट आया है। सीधे तौर पर लॉकडाउन में खपत में मात्र 10 परसेंट की कमी आई है। पिछले साल मई में भी लॉक डाउन होने की वजह से करीब करीब इतनी ही डिमांड थी। तुलना करें तो उसके खपत बराबर पहुंच गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि अभी भी बहुत से कल कारखाने, फैक्ट्रिया और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद है। अब सवाल उठता है की खपत हो कहा रहा है।
आंख-मिचौली करती रही
सारे कारखाने व बाजार खुले थे तब इतनी डिमांड थी.लेकिन इस बार तो अभी तो इंडस्ट्रियल एरिया की कुछ फैक्ट्रिया भी बंद हैं। केवल सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय खुल रहे हैं और घरेलू बिजली का उपयोग हो रहा है। यही वजह है कि बिजली ट्रिपिंग बढ़ गई है। फॉल्ट अधिक हो रहे हैं।
दो वजह मान रहे अधिकारी
बिजली अधिकारियों का कहना है एकाएक तीन-चार दिन में बढ़ी बिजली डिमांड से स्पष्ट है कि जिले में बिजली चोरी शुरू हो गई है.दरअसल, लॉकडाउन के दौरान बिजली चोरी की रोकथाम के लिए टीमें निकल नहीं रही हैं। ऐसे में लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। गर्मी में पंखे, एसी, कूलर, फ्रिजर, टीवी जैसे उपकरण भी चालू हो गए हैं। लोग घरों में अधिक समय बिता रहे हैं। देखा गया है की अच्छे परिवार के लोग एसी, फ्रीज और कूलर का उपयोग चोरी की बिजली से कर रहे है। इसलिए हर घर में बिजली डिमांड बढ़ गई है। जो उपकरण छह से आठ घंटे चलते थे अब 24 घंटे सारे उपकरण चल रहे हैं।
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बढ़े हुए विद्युत भार का परीक्षण फीडर वार कराया जाएगा। पिछले साल की तुलना में जिन फीडरों पर बिजली डिमांड अधिक पायी जाएगी। उसके हिसाब से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। अगले माह टीम बनाकर चेकिंग शुरू कराइ जाएगी।
-दीपक अग्रवाल, एसई-सेकंड , पीवीवीएनएल
एक नजर
600
एमवी खपत होती है गर्मी में
550
एमवी खपत रहती है सामान्य दिनों में
570
एमवी खपत हो गई है वर्तमान में
580
एमवी खपत थी पिछले साल मई माह में