वाराणसी (ब्यूरो)सिटी में तमाम ऐसे एरिया हैं जहां आज भी आईपीडीएस जंक्शन बॉक्स लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैंयही नहीं ये बिजली चोरी का साधन भी बन रहे हैंइन सब विसंगतियों को लेकर स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद भी दुरुस्त करने की जहमत जिम्मेदार नहीं उठा रहे हैंशहर में हवा में लटकते तारों के जंजाल को खत्म करने के लिए साल 2015 में पुरानी काशी क्षेत्र में आईपीडीएस योजना के तहत तारों को अंडरग्राउंड करने की शुरूआत की गई थी.

केस-1

महमूरगंज में रहने वाले विशाल कश्यप का कहना है कि चार साल पहले काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में आईपीडीएस के अंडरग्राउंड केबल में करंट आने से सेवादार समेत तीन श्रद्धालु झुलस गए थेकुछ दिन बाद तीनों ठीक तो हो गए, लेकिन व्यवस्था में सुधार अब तक नहीं हो सका है

केस-2

कृष्णा मौर्या ने बताया आईपीडीएस योजना का फस्र्ट फेज पूरा होने के तीन साल बाद से समस्याएं आनी शुरू हो गई थीं। 2019 में कोतवालपुरा तिराहे के पास हेरिटेज पोल के करीब जंक्शन बॉक्स में करंट उतरने से दो श्रद्धालु खंबे से चिपक गए थेस्थानीय लोगों ने किसी तरह से उनकी जान बचाईपिछले कुछ माह से जंक्शन बॉक्स फिर खुला हुआ है.

केस-3

हरतीरथ निवासी शशांक साहू ने बताया कि क्षेत्र में सभी आईपीडीएस जंक्शन बॉक्स बेतरतीब लगे हुए हैंएक तो उनकी ऊंचाई कम हैदूसरा उनमें लगा ताला हमेशा खुला रहता हैइससे करंट लगने का खतरा बना रहता हैशिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती हैबारिश के दिनों में बॉक्स में करंट उतरने से कुछ जानवर चपेट में आ गए थे.

ये तो सिर्फ तीन केस हैकरीब तीन साल में फस्र्ट फेज का काम पूरा होने के बाद ही इसमें शिकायतें आनी भी शुरू हो गईकही करंट उतरने की तो कही बॉक्स बेहद नीचा होने कीशिकायतें ये भी आई की इस योजना को अमल में लाने के लिए सरकार का पैसा पानी की तरह बहा दिया गया

जंक्शन बॉक्स से ताला गायब

यू तो आईपीडीएस योजना को लाने की मंशा बनारस के लोगों को निर्बाध बिजली, तारों के जंजाल से मुक्त करने के साथ कटियामारी पर लगाम लगाकर बिजली चोरी रोकना थाऐसा हुआ भी है, लेकिन इस योजना की हवा यहां के अधिकारी ही निकालने में लगे हुए हैंपुरानी काशी क्षेत्र में हुए काम के बाद जहां तमाम तरह की समस्याएं आ रही हैंवहीं विभाग की खुद की लापरवाही भी कुछ कम नहीं हैपुरानी काशी क्षेत्र के साथ सारनाथ और पहडिय़ा क्षेत्र में आईपीडीएस के माध्यम से ही पावर सप्लाई हो रही हैलेकिन इन क्षेत्रों के ज्यादातर जंक्शन बॉक्स खुले हुए है, इन पर लगा ताला गायब हो चुका हैइससे बिजली चोरी तो हो ही रही है, साथ इसकी वजह से किसी के करंट लगने का खतरा भी बना हुआ हैइस पर विभाग के जिम्मेदार न कोई कार्रवाई कर रहे हैं न ही समस्या का समाधान

इन एरिया में समस्या

पुरानी काशी क्षेत्र के दशाश्वमेध, गोदौलिया, लक्सा, मदनपुरा, नई सड़क, चौक, बांसफाटक, मैदागिन, राजघाट, प्रहलादघाट, सोनारपुरा, भदैनी, शिवाला, अस्सी, जंगमबाड़ी, हरिश्चंद्र घाट, सभी घाट क्षेत्र के अलावा सारनाथ क्षेत्र के इलाके और पहडिय़ा, पांडेयपुर आदि क्षेत्रों में आईपीडीएस योजना के तहत पावर सप्लाई हो रही हैलेकिन इन एरियाज में लगे आधे से ज्यादा जंक्शन बॉक्स में ताले न लगे होने से ये खुले हुए हैअधिकारियों की इस लापरवाही के चलते उपभोक्ता तो मौज काट रहे हैं, लेकिन पावर कॉरपोरेशन को हर माह लाखों का चूना लग रहा है

572 करोड़ का प्रोजेक्ट

बता दें कि प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने 2015 में हर घर में 24 घंटे बिजली सप्लाई करने के लिए राष्ट्रीय एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) का शुभारंभ किया थाकेंद्र सरकार ने इसके लिए 572 करोड़ रुपए की राशि रिलीज थी

1500

से ज्यादा आईपीडीएस की शिकायत पहुंची 1912 पर जुलाई 2023 से अब तक

700

के करीब शिकायत जंक्शन बॉक्स को लेकर रही

200

के करीब शिकायते मिली बारिश के दिनों जुलाई व अगस्त में

500

से ज्यादा शिकायतें जुलाई से अब तक पहुंची बॉक्स में ताला न होने और करंट के खतरे की.

100

से ज्यादा शिकायतें जंक्शन बॉक्स से चोरी की भी पहुंची

इन नंबरों पर शिकायत

1912 टोल फ्री नंबर

9450963543

9450963568

जो भी शिकायतें आती है, उस पर संबंधित अधिकारी व एसडीओ को कार्रवाई का आदेश जारी किया जाता हैशुरुआत में एजेंसी की ओर से हुई लापरवाही की वजह से कुछ स्थानों पर बॉक्स जमीन से थोड़ा नीचा है, जिन बॉक्स में लॉक गायब है उसे जल्द लगवाया जाएगा

अनूप सक्सेना, एसई, फस्र्ट-पीवीवीएनएल