वाराणसी (ब्यूरो)ग्रामीण पुलिस, कमिश्नरेट पुलिस व चंदौली पुलिस की ओर से एक साथ कार्रवाई होने से जेल पर बोझ बढ़ गया है। जिला जेल की क्षमता 747 कैदियों की है, लेकिन इस समय जेल के अंदर करीब 2569 कैदी एवं बंदी निरूद्ध हैं। इधर कोरोना संक्रमण भी पिक पर पहुंच गया है। ऐसे में जेल में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या मुश्किलें बढ़ा सकती हंै। हालांकि जेल प्रशासन जैसे-तैसे बंदियों को रखने का प्रबंध किए हुए हैं।

अचानक बढऩे लगे हैं बंदी
औसतन जेल में 1300 से 1400 तक कैदी एवं बंदी पहले ही निरूद्ध रहने का सिलसिला चला आ रहा है, लेकिन अब चुनावी सीजन में यह संख्या 24 सौ से भी पार हो गई है। वाराणसी जिला कारागार में ग्रामीण पुलिस, कमिश्नरेट पुलिस और चंदौली जिले की पुलिस की ओर से बंदियों को भेजा जाता है। विभिन्न अपराध में संलिप्त विचाराधीन बंदियों के लिए जिला कारागार ही है। कमिश्नरेट पुलिस हर रोज दो से चार अपराधियों को भेज रही है। ग्रामीण पुलिस भी इतनी कार्रवाई प्रतिदिन कर रही है, लेकिन चंदौली पुलिस 8 से 10 अपराधियों को पकड़कर जेल भेज रही है। अचानक संख्या बढऩे से जेल प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।

बैरकों की संख्या नहीं बढ़ी
अचानक पुलिसिया कार्रवाई से जेल की बैरक कैदी एवं बंदियों से ठसासस भरी है। जिला कारागार की क्षमता महज 747 ही है। जबकि इस समय यहां पर कुल 2569 बंदी है। इसमें 2437 पुरुष व 132 महिला बंदी हैं। यह संख्या अब क्षमता से चार गुना तक होने की ओर है। जबकि जेल में बैरकों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हो रही है।

हर दिन औसतन 15
जिला कारागार में वर्तमान में हर दिन औसतन 15 बंदी बढ़ रहे हैं, जबकि जमानत पर रिहा होने वाले बंदियों की संख्या लगभग आधी है। ऐसे में बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है।