- 64 मोबाइल के साथ 3 शातिरों को पुलिस ने किया अरेस्ट

- तीनों ने उगले कई अहम राज

- वाराणसी से बिहार जाने वाली बस में बैठ पहुंचते पटना और फिर वहां से ट्रेन से कोलकाता होते हुए मालदा जाने की थी प्लानिंग

-क्या तीनों के जरिए ठगों के नेक्सेस को तोड़ने में पुलिस हो पाएंगी कामयाब

-वाराणसी में एक दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनकी लोकेशन मिली है जामताड़ा

वाराणसी में शुक्रवार को एक ऐसी घटना का पर्दाफाश हुआ, जिसे पुलिस जानने के बाद भी अभी तक हाथ नहीं डाल पा रही थी। पूर्वाचल से चोरी कर मोबाइल को झारखंड भेजा जाता था और वहां से शुरू होता था ठगी का खेल। ठगी इन्हीं मोबाइलों से ऑनलाइन होती थी और पुलिस चाह कर भी ठगों को पकड़ नहीं पाती थी। सिगरा पुलिस ने वाराणसी कैंट स्टेशन से तीन शातिर को गिरफ्तार कर उनके पास से 64 एंड्रायड मोबाइल फोन बरामद किए हैं। आरोपियों से पुलिस ने पूरी जानकारी जुटाई फिर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

वाराणसी ही नहीं पूरे पूर्वाचल में हो रहे साइबर क्राइम का कनेक्शन झारखंड के जामताड़ा से जुड़े हैं। ठगी के शिकार लोगों के न तो पैसे वापस आ पाते हैं और न ही ठगी करने वालों को पुलिस पकड़ पाती है। सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल निवासी तीनों शातिर यहां से मोबाइल चोरी कर इसे झारखंड और पश्चिम बंगाल में बेच देते थे। शातिर अपराधियों के पास से मिले 64 एंड्रायड मोबाइल से यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि पूर्वाचल में हुए अधिकतर फ्राड का कनेक्शन जामताड़ा से जुड़े हैं। ये तीनों आरोपियों ने स्वयं कबूला है। सवाल यह है कि पूरे मामले के खुलासे के बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस जामताड़ा या पश्चिम बंगाल तक पहुंचकर इनके नेक्सेस को तोड़कर अपनी काबिलियत सिद्ध करेगी या फिर 64 मोबाइल और तीनों आरोपितों के साथ एक फोटो क्लिक कराकर अपनी पीठ थपथपाने तक ही सीमित रह जाएगी।

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पुलिस को तीनों शातिरों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है कि वाराणसी और आसपास के जिलों से चुराए गए मोबाइल भारत-बांग्लादेश बार्डर पर मादक पदार्थो और जाली नोटों की तस्करी के अलावा झारखंड के जामताड़ा में साइबर फ्रॉड में अहम भूमिका निभाते हैं। आजमगढ़ जिले से भी इसके तार जुड़े हुए हैं, जिसका पता लगाने में पुलिस लगी हुई है।

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ऐसे हुआ खुलासा

पुलिस को तीनों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के कालियाचक क्षेत्र के समीम नादाब, स्वपन दास और मोहम्मद साजद कैंट रोडवेड बस अड्डे से बिहार जाने वाली बस में बैठने जा रहे थे। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी सिगरा अनूप शुक्ला और कैंट रोडवेज चौकी प्रभारी मोहम्मद सूफियान की टीम ने तीनों को घेर कर उनकी तलाशी ली। तलाशी में उनके बैग से अलग-अलग कंपनियों के 64 मोबाइल बरामद हुए।

लेने आए थे दूसरी खेप

पुलिस ने जब उनसे पूछताछ शुरू की तो उक्त तीनों ने बताया कि आजमगढ़ निवासी शेखर उन्हें पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से मोबाइल चुरा कर देता है। वह चोरी के मोबाइल की यह दूसरी खेप लेने आए थे। तीनों बिहार जाने वाली बस में बैठ कर किसी तरह से पटना पहुंच जाते और फिर वहां से ट्रेन से कोलकाता होते हुए मालदा चले जाते। पुलिस शेखर की तलाश के लिए आजमगढ़ के लिए रवाना हो गई है।

इतनी दूर नहीं खोजने जाती है पुलिस

गिरफ्त आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वाराणसी से मालदा की दूरी लगभग 700 किलोमीटर है। पूर्वांचल में किसी का मोबाइल खो जाए तो पुलिस सíवलांस से उसकी लोकेशन भले ही निकाल ले, लेकिन मालदा या कालियाचक या आसपास के अन्य इलाकों में खोजबीन करने नहीं आती है। पुलिस की इसी कमी का फायदा हम लोगों द्वारा उठाया जाता है।

जामताड़ा का पुराना कनेक्शन

भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले और मालदा से लगभग 225 किलोमीटर दूर जामताड़ा है। जामताड़ा से साइबर फ्रॉड का पुराना कनेक्शन है। वहां चोरी के ऐसे ही मोबाइल और सिम की मांग करते हैं। वह इसकी मुंहमांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं। 4-6 बार वह इन मोबाइल का इस्तेमाल कर फिर उसे बांग्लादेश में बेच देते हैं। तीनों ने बताया कि आजमगढ़ का शेखर उनके गिरोह के अन्य लोगों से परिचित था तो उनकी भी नजदीकी उससे बढ़ गई।

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वाराणसी में दर्ज हैं एक दर्जन से अधिक ठगी के मामले

ऑनलाइन ठगी के मामले पूर्वाचल के कई थाने में दर्जनों की संख्या में दर्ज होंगे, लेकिन वाराणसी की बात करें तो कमिश्नरेट के थानों में करीब एक दर्जन मुकदमे ठगी के दर्ज हैं, जिसपर महीनों बीतने के बाद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अधिकतर मामले तो लोकलाज के डर से थाने तक नहीं पहुंचते।

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सभी मोबाइल हैं यूज्ड

प्रभारी निरीक्षक सिगरा अनूप कुमार शुक्ल ने बताया कि पकड़े गए तीनों शातिरों के पास से मिलें 64 मोबाइल इस्तेमाल हो रहे थे। सभी मोबाइल के मालिकों का पता लगाया जा रहा है।

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कोट-

पकड़े गए तीनों से पूछताछ की गई। उनके पास से मिले मोबाइल और अन्य पहलुओं को जोड़ा जा रहा है। रही बात पश्चिम बंगाल और जामताड़ा से इनके कनेक्शन की तो इस दिशा में भी काम किया जा रहा है। उनके द्वारा दी गई जो भी इंफॉर्मेशन है। उसके आधार पर टीम को लगा दिया गया है। इसके एक साथी की तलाश है जो आजमगढ़ का रहने वाला है। जल्द ही इस प्रकरण में भी खुलासा किया जाएगा।

विनय कुमार सिंह

अपर पुलिस उपायुक्त, वरूणा जोन कमिश्नरेट वाराणसी