टूरिस्ट संग बनारस में जीका के आने का बना हुआ है खतरा

कहां-कहां से है खतरा

- एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नहीं हैं कोई सेफ्टी और जीका स्क्रीनिंग सेल का इंतजाम

- फॉरेनर्स पैसेंजर के थ्रू पूर्वाचल में वायरस फैलने का अंदेशा, शासन से आ चुका है अलर्ट

- बनारस में रोजाना सैकड़ों की संख्या में आते है फॉरेनर्स और विदेशों में बसे भारतीय

- फ्लाइट्स के अलावा काफी टूरिस्ट नेपाल से बसों के जरिये भी आते हैं बनारस तक

फीगर स्पीक्स

- 4,000 फ्लाइट पैसेंजर्स का डेली ट्रैफिक

- 150 से 250 पैसेंजर्स होते हैं फॉरेनर्स

- 21 फ्लाइट्स का रोज है यहां आना

- 1 इंटरनेशनल कंट्री की फ्लाइट डेली

VARANASI

दुनिया भर के करीब दो दर्जन देशों में हजारों लोगों की जान के लिए खतरा बने जीका वायरस को लेकर बनारस को भी अलर्ट किया गया है। संभावना है कि भारत में जीका वायरस किसी भी फॉरेन से आने वाली फ्लाइट से संक्रमित पैसेंजर के रूप में एंट्री कर सकता है। खतरे की इस संभावना और व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के गाइडलाइन को देखते हुए शासन से लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल (एलबीएस) एयरपोर्ट को अलर्ट रहने को कहा है। इसके बावजूद यहां सस्पेक्ट को ट्रैक करने के लिए जीका स्क्रीनिंग सेल और उनके फ‌र्स्ट एड की कोई सुविधा नहीं दिखती। यह अंदेशा है कि यह वायरस किसी भी संक्रमित फॉरेनर्स के थ्रू पूरे पूर्वाचल के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

सीएचसी के भरोसे ईलाज

एयरपोर्ट पर जीका के लिए अलर्ट की बात छोड़ दें तो सामान्य रूप से तबीयत खराब होने के लिए भी ट्रीटमेंट का पर्याप्त इंतजाम नहीं। यहां फ‌र्स्ट एड हेल्प के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल की टीम मौजूद रहती है। कोई ज्यादा बीमार हो तो उसे इमरजेंसी केस में बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाता है। वहां भी हालत कंट्रोल न होने पर डिस्ट्रिक्ट या डिवीजनल हॉस्पिटल या फिर बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजने की व्यवस्था होती है। इस काम चलाऊ व्यवस्था में जीका सस्पेक्ट कोई डाइग्नोस करेगा और कैसे उसे आइसोलेशन में रखेगा, इसकी बात करना ही बेईमानी है। शासन ने जीका को लेकर सभी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हेल्थ डिपार्टमेंट को अलर्ट किया है फिर भी यहां कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आता।

आने वालों से है खतरा

पूर्वाचल से बड़ी संख्या में लोग गल्फ कंट्री और अफ्रीकन कंट्री में काम करते है। प्रभावित क्षेत्र के फॉरेनर्स के अलावा ऐसी कंट्री में काम करने वाले पूर्वाचल के लोगों के जरिये भी जीका वायरस इंडिया में प्रवेश कर सकता है। पिछले वर्ष इबोला और जीका वायरस को लेकर हुए अलर्ट में इन्हीं खास बिन्दुओं पर स्ट्रैटजी बनाई गयी थी।

नेपाल से भी है खतरा

बाबतपुर एयरपोर्ट के अलावा नेपाल से बस में सवार होकर इंटरनेशनल टूरिस्ट की शक्ल में कोई सस्पेक्टेड पूर्वाचल में दाखिल हो सकता है। नेपाल से शहर में दाखिल होने के लिए यह भी एक इंट्रेंस प्वाइंट है। हालांकि रोडवेज के अधिकारियों की माने तो अब तक ऐसे किसी भी पैसेंजर की जानकारी डिपार्टमेंट को नहीं मिली।

क्या है जीका वायरस

जीका वायरस एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। ये वही मच्छर है, जिसके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और यलो फीवर जैसी बीमारियां होती हैं।

WHO की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया कि जीका भयानक तरीके से कुछ देशों में फैल रहा है और अनुमान है कि अब तक लाखों लोगों तक ये संक्रमण फैल चुका है। डब्लूएचओ ने भारत सहित उन सभी देशों को चेतावनी जारी की हैं जहां ऐडीज मच्छरों के वाहक पाए जाते हैं।

जीका संक्रमण के लक्षण

- जीका के लक्षण बच्चों और बड़ों में लगभग एक ही जैसे होते हैं जैसे बुखार, शरीर में दर्द, आंखों में सूजन, जोड़ों का दर्द और शरीर पर रैशेस यानी चकत्ते हो जाना। इसके लक्षण आमतौर पर दो से सात दिन तक रहते हैं।

- कई संक्रमित लोगों में इसके लक्षण नहीं भी दिखते जबकि कुछ मामलों में यह बीमारी नर्वस सिस्टम को ऐसे डिसऑर्डर में बदल सकती है, जिससे पैरालिसिस भी हो सकता है।

- बीमारी से बच्चों के मस्तिष्क का पूरा विकास नहीं हो पाता और उनका सिर सामान्य से छोटा रह जाता है।

ऐसे पता चलेगा वायरस से खतरा

जीका वायरस का पता लगाने के लिए पॉलिमीरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) तथा ब्लड टेस्ट कराना होता है। लखनऊ में इसका टेस्ट पॉसिबल है।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

- जीका वायरस मच्छरों के काटने से होता है, इसलिए खुद के शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें।

- हल्के रंग के कपड़े पहने इसके अलावा कीड़ों से बचने वाली क्रीम या मच्छरदानी का यूज करें।

- मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें।

सीएचसी व पीएचसी और जिला अस्पताल सहित मंडलीय अस्पताल को जीका को लेकर अलर्ट कर दिया है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति एयरपोर्ट पर ही पहचाना जाए, इसके लिए एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ रणनीति बनाई जाएगी।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

जीका वायरस को लेकर स्टेट गवर्मेंट की गाइड लाइन आ गयी है। एलबीएस इंटरनेशनल पर इसे जल्द ही इसके इम्प्लीमेंट के लिए पूरा प्रबंध किया जाएगा ताकि संक्रमित पैसेंजर की एयरपोर्ट पर ही पहचान हो सके।

- एके राय, डायरेक्टर एयरपोर्ट