-तेज धूप से दहकती कंक्रीट की रोड पर चलना पड़ रहा है नंगे पांव, पैर में पड़ जा रहे हैं छाले

-भीषण गर्मी और लम्बी यात्रा से कांवरियों हो रहे बीमार भी

VARANASI : सावन शुरू हो चुका है लेकिन बारिश का दूर-दूर तक पता नहीं है। आसमान से बरसती आग से जमीन जल रही है। इस पर दो कदम नंगे पांव चलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कांवरियों को कठिन इम्तेहान से गुजरना पड़ रहा है। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने से पहले रास्ते में उन्हें खुद को कई बार जल से सराबोर करना पड़ रहा है। जलती कंक्रीट पर चलते हुए उनके पांव में छाले पड़ जा रहे हैं। भीषण गर्मी, लम्बी यात्रा और कठिन परिश्रम से कांवरियों की तबीयत भी बिगड़ रही है।

तरसा रहे हैं बादल

मॉनसून की दस्तक का एक पखवारा गुजर चुका है। अच्छी बारिश के लिए लोग तरस रहे हैं। सूरज की तेज किरणें धरती को जला रही हैं। सावन शुरू होने के साथ ही कांवरियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवरिया सौ से सवा सौ किलोमीटर नंगे पांव पैदल यात्रा कर रहे हैं। ज्यादातर संगम से जलकर आते हैं। इसके अलावा, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली आदि एरिया से आते हैं। अच्छी बारिश न होने से टेम्प्रेचर में गिरावट नहीं हो रही है। कुछ दिनों से मैक्सिमम टेम्प्रेचर फ्भ् से फ्8 डिग्री सेल्यिस के बीच है। वहीं मिनिमम टेम्प्रेचर ख्भ् से ख्8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। तेज धूप से कंक्रीट से बनी दहकती रोड पर एक-एक कदम चलना कांवरियों लिए बेहद कठिन हो रहा है।

डाक बम की कठिन डगर

डाकबम के लिए मुश्किल काफी बड़ी है। वह बिना रुके लम्बी यात्रा करते हैं। रास्ते में कहीं आराम नहीं करते हैं। लगातार चलने से उनके शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। तेज धूप की वजह से उन्हें खुद को संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। रोड पर पैदल नंगे पांव चलने से पैर में इंजरी हो जा रही है। आमतौर पर डाकबम जलाभिषेक के पहले व्रत रहते हैं। वह जल भी ग्रहण नहीं करना चाहते हैं। मौसम की तल्खी की वजह से उनका व्रत रहना भी किसी इम्तेहान से कम नहीं है।

पुण्य के साथ सेहत जरूरी

-कांवरियों को इस मौसम में विशेष सावधान रहने की जरूरत है।

-यात्रा के दौरान वह पानी का सेवन करते रहें।

-टेम्प्रेचर अधिक होने की वजह से शरीर का पानी तेजी से कम होता है।

-शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना जरूरी है।

-शरीर के साथ बिल्कुल जबरदस्ती न करें।

-यात्रा के दौरान यथासंभव आराम कर लें बीमार होने का खतरा कम रहेगा।

-नंगे पैर चलने से पैर जख्मी होने का खतरा रहता है इसे बचाने की कोशिश करें।

-जहां तक संभव हो सके कच्चे रास्ते से चलें।

-यात्रा के दौरान फल आदि का सेवन ताकत देगा।

(जैसा कि जनरल फिजिशियन डॉ। अश्वनी चक्रवर्ती ने बताया)