- फुटकर बाजार में मनमानी, थोक में रेट तय
- ग्राहकों की है मजबूरी का उठा रहे फायदा
वाराणसी : कोरोना महामारी के चलते फलों की मांग बढ़ी है। इसका फायदा फुटकर दुकानदार उठा रहे हैं। वे ग्राहकों से चार गुना दाम वसूल रहे हैं। ग्राहक भी इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने वाले फलों के मुंह मांगे दाम देने के लिए मजबूर हैं। फलों सेब, संतरा, कीवी, नारियल पानी (डाब), अनार शामिल हैं।
फुटकर दुकानदार ग्राहकों से बोल रहे झूठ
पहडि़या फल मंडी के व्यापारी किशन सोनकर ने बताया कि आंशिक रूप से लगे लॉकडाउन का असर मंडी पर नहीं पड़ा है। फलों की आवक भी सामान्य है। थोक बाजार में फलों के भाव भी जस से तस हैं। हां, यह जरूर है कि बढ़ती गर्मी और कोरोना महामारी के कारण रसीले फल (मौसमी, नारियल पानी, तरबूज) कीमांग में जरूर बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन भावों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। लॉकडाउन में भी दूसरे प्रदेशों से फलों की आवक हो रही है। फुटकर कारोबारी मंडी बंद और फलों की दूसरे राज्यों से आवक नहीं की झूठी खबर ग्राहकों दे रहे हैं।
विटामिन वाले फलों की मांग बढ़ी
कोरोना महामारी के कारण विटामिन वाले फलों की मांग में तीन से चार गुना इजाफा हुआ है। लोग पपीता, मौसमी, तरबूज, बेल सहित विटामिन सी वाले फलों को तरजीह दे रहे हैं।
मौसमी फल सस्ते
मंडी के व्यापारियों ने बताया कि मौसमी फलों के दाम इस समय सस्ते हैं, जबकि बिना मौसमी फल (सेब, संतरा, अंगूर) कोल्ड स्टोर के हैं। इस कारण इन फलों के भाव महंगे हैं। जबकि इम्पोर्टेड सेब (जो गाढ़ा लाल रंग का होता है) का भाव अपने पुराने रेट 220-240 पर बना हुआ है।
फलों का रेट
फल थोक फुटकर आवक
सेब 160-180 200-220 हिमाचल प्रदेश के (कोल्ड स्टोर से)
संतरा 100-120 130-150 नागपुर (कोल्ड स्टोर से)
केला 20-25 50-60 कोलकाता
अनार 40-70 120-140 राजस्थान और गुजरात
अंगूर 80-100 120-140 नासिक (कोल्ड स्टोर से)
पपीता 20-25 35-40 महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
तरबूज 08-10 15-20 स्थानीय बाजार से
नारियल 35-40 60-70 कर्नाटक