वाराणसी (ब्यूरो)दुर्गा पूजा को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर पंडाल सजाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही हैसनातन धर्म समिति द्वारा आयोजित पंडाल को इस बार केदारनाथ धाम की थीम पर सजाया जा रहा हैपूरे मंदिर का निर्माण थर्माकोल से किया जाएगामाता दुर्गा की इलेक्ट्रॉनिक प्रतिमा भी भक्तों के बीच आर्कषण का केंद्र रहेगी.

प्रदेश की सबसे ऊंची होगी प्रतिमा

इस बार दुर्गा पूजा पर काशी में ही भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों की झलक देखने को मिलेगीकाशी की विभिन्न समितियां पंडाल की थीम कहीं मुरुदेश्वर मंदिर रख रही हैं तो कहीं केदारनाथ धामइस बार सनातन धर्म समिति द्वारा दुर्गा पूजा पर आपको यूपी की सबसे ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा देखने को मिलेगी। 24 फीट ऊंची प्रतिमा को बंगाल से आए कारीगर पूरा दिन रूप देने के लिए जुटे हुए हैैंपंडाल में 300 वर्ग फीट में केदारनाथ धाम का निर्माण हो रहा हैपंडाल में मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी वाली मुद्रा में स्वाचालित प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र बनेगा

भक्त करेंगे केदारनाथ धाम के दर्शन

सनातन धर्म दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने बताया कि उनकी समिति हर बार कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करती हैकाशी में भक्तों के लिए केदारनाथ धाम के दर्शन करने से अच्छा क्या हो सकता हैइसलिए समिति ने इस बार पंडाल को केदारनाथ धाम की अनुकृति देने का फैसला किया हैैवर्ष 2023 में दुर्गा पूजा को कैसे सफल बनाया जाए, इसके लिए कुछ दिन पहले बैठक भी रखी गई थीबैठक में इस पर भी चर्चा हुई थी कि बनारस की जनता पंडाल में आती है और भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती हैसड़क भी जाम हो जाती है जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैैइसलिए भीड़ पर नियंत्रण करने को विचार विमर्श भी हुआ था.

50 कारीगर करेंगे पंडाल को तैयार

पंडाल का निर्माण अब तक 10 कारीगर कर रहे थे, पर आज 40 कारीगर और आ जाएंगेमंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा हैसूरज जायसवाल कहते हैं कि समिति के सभी सदस्य अपने घर का सभी काम छोड़ पंडाल के निर्माण के लिए दिन-रात लगे हुए हैैंहर बार भव्य कार्यक्रम कराने के पीछे समिति के सभी सदस्यों की मेहनत होती हैैपिछली बार काशी विश्वनाथ मंदिर की अनुकृति पर पंडाल को सजाया गया थादूर्गा पूजा के दौरान माता का भव्य जागरण भी होगासमिति को कार्यक्रम करवाते हुए 44 वर्ष भी पूर्ण हो चुके हैैं.

बंदर बन रहे समस्या

दुर्गा पूजा के लिए बन रहे केदारनाथ धाम को थर्माकोल से बनाया जा रहा हैसमस्या का विषय यह है कि बंदर पंडाल की तैयारी में काफी परेशानी बन रहे हैंअभी बंदर पंडाल का तिरपाल फाड़ चुके हैंइसलिए समिति को चिंता है कि कहीं बंदर थर्माकोल से बने पंडाल को भी न नुकसान पहुंचा दें.

समिति के सभी लोग दुर्गा पूजा की तैयारियों में लगे हुए हैैंपंडाल को इस बार केदारनाथ धाम की अनुकृति पर सजाया जाएगा.

सूरज जायसवाल, समिति अध्यक्ष